इंतजार की घड़ियां हुई खत्म! 500 सालों बाद राम मंदिर का निर्माण कार्य हुआ पूरा
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर बन रहे भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में है. शिखर पर कलश स्थापना और नक्काशीदार पत्थरों का कार्य पूर्ण हो चुका है, वहीं जून के पहले सप्ताह से श्रद्धालुओं को राम दरबार के दर्शन मिलने की संभावना है.

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर बन रहा भव्य और दिव्य राम मंदिर अब पूरी तरह से अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जनवरी 2024 में रामलला के भव्य मंदिर का शुभारंभ किया गया था, जिसके बाद से करोड़ों श्रद्धालु प्रभु श्रीराम के दर्शन के लिए अयोध्या पहुंच चुके हैं. लेकिन उद्घाटन के बाद भी मंदिर परिसर में कई निर्माण कार्य बाकी थे, जो अब लगभग पूरे हो चुके हैं.
रामलला के मंदिर में राजस्थान के बंशी पहाड़पुर के सुंदर नक्काशीदार पत्थरों का काम भी पूरा कर लिया गया है. इसके साथ ही, मंदिर के शिखर पर स्वर्णिम कलश भी स्थापित कर दिया गया है. अब अगली कड़ी में मंदिर के गर्भगृह में राम दरबार की प्रतिष्ठा और सप्त मंदिरों की स्थापना की तैयारियां जोरों पर हैं. राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा ने जानकारी दी कि मंदिर के शिखर पर कलश की स्थापना के साथ ही पूरे मंदिर परिसर में पत्थर लगाने का कार्य पूर्ण हो गया है. अब कुछ ही दिनों में भगवान के शिखर पर ध्वज दंड भी स्थापित किया जाएगा.
गर्भगृह में प्रतिष्ठित होगा राम दरबार
डॉ. मिश्रा ने बताया कि राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां आरंभ हो चुकी हैं और जून के पहले सप्ताह से श्रद्धालुओं को प्रथम तल पर विराजमान राम दरबार के दर्शन होने की उम्मीद है. मुख्य मंदिर के अलावा, परकोटे में बनाए जा रहे 6 मंदिरों और सप्त मंदिरों की स्थापना भी इसी समय के आसपास की जाएगी.
चित्रों में जीवंत होंगे प्रभु श्रीराम के 88 प्रसंग
मंदिर के लोअर प्लिंथ यानी निचले हिस्से को भी आकर्षक रूप देने का कार्य प्रगति पर है. यहां भगवान राम के जीवन से जुड़े 88 प्रमुख प्रसंगों को म्यूरल के रूप में चित्रित किया जा रहा है. ये सभी चित्र सुप्रसिद्ध चित्रकार वासुदेव कामत द्वारा तैयार किए गए हैं और उन्हीं की देखरेख में लगाए भी जा रहे हैं. डॉ. मिश्रा ने ये भी बताया कि मंदिर परिसर में बनाए जा रहे सप्त ऋषियों के मंदिरों की प्रतिमाएं भी परिसर में पहुंच चुकी हैं. इसके साथ ही यात्री सुविधा केंद्र पर गोस्वामी तुलसीदास की प्रतिमा भी स्थापित कर दी गई है, जिनके दर्शन श्रद्धालु अब से कर सकेंगे.
राम मंदिर निर्माण का गौरवशाली सफर
राम मंदिर का निर्माण ना केवल भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास का प्रतीक है, बल्कि ये आधुनिक भारत की आस्था, एकता और परंपरा का जीवंत उदाहरण भी बन चुका है. अब जब मंदिर का ढांचा पूरी तरह से आकार ले चुका है, आने वाले समय में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा और कलात्मक सज्जा इसे और भव्य रूप प्रदान करेगी