छठ पूजा का आज दूसरा दिन, खरना में जानें पूजा-प्रसाद ग्रहण का शुभ मुहूर्त
Chhath Puja 2024: महापर्व छठ पूजा के दूसरे दिन या खरना पर व्रती विशेष संकल्प के साथ पूजा करते हैं खरना की पूजा संध्या के समय की जाती है, जो इस दिन का सबसे शुभ क्षण होता है. पटना के मशहूर ज्योतिषविद डॉ. श्रीपति त्रिपाठी की मानें तो आज सर्वार्थ सिद्धि और सुकर्मा योग बन रहा है.
Chhath Puja 2024: आज चार दिवसीय महापर्व छठ पूजा का दूसरा दिन है यानी खरना का दिन है. हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर खरना का पर्व मनाया जाता है, जो छठ पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इस वर्ष खरना का पर्व 6 नवंबर 2024 को मनाया का रहा है. इस दिन व्रती विशेष संकल्प के साथ पूजा करते हैं और सूर्य देवता को प्रसाद अर्पित करते हैं.
खरना की पूजा विधि
छठ पूजा में खरना के दिन सुबह से ही व्रतधारी निर्जला उपवास रखते हैं और संध्या समय खरना का प्रसाद तैयार किया जाता है. प्रसाद बनाने के लिए मिट्टी के चूल्हे का उपयोग किया जाता है, जो छठ पूजा की परंपरा का एक हिस्सा है. चूल्हा जलाने के लिए आम की लकड़ी का उपयोग होता है, जो वातावरण को पवित्र बनाता है. प्रसाद के रूप में गुड़ और चावल की खीर बनाई जाती है, और साथ में गेहूं के आटे से बनी रोटी भी बनाई जाती है. यह प्रसाद छठी मैया और सूर्य देव को अर्पित किया जाता है.
प्रसाद में उपयोग होने वाली चीजें
खरना के प्रसाद में विशेष रूप से गुड़ और चावल की खीर बनाई जाती है, जो आम की लकड़ी पर मिट्टी के चूल्हे में पकाई जाती है. यह पारंपरिक विधि है जो छठ पूजा की पवित्रता को बनाए रखती है. खीर के साथ गेहूं के आटे से बनी रोटी भी बनाई जाती है, जो व्रतधारियों द्वारा भगवान को अर्पित करने के बाद ग्रहण की जाती है. इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करने के बाद, व्रतधारियों द्वारा 36 घंटे का निर्जला व्रत रखने का संकल्प लिया जाता है.
खरना का शुभ मुहूर्त
इस वर्ष 6 नवंबर, बुधवार को खरना का दिन सर्वार्थ सिद्धि और सुकर्मा योग के साथ विशेष रूप से पावन बन रहा है. आज पटना में सूर्यास्त का समय 5:05 बजे होगा, और खरना पूजा का शुभ मुहूर्त 5:29 बजे से 7:48 बजे तक है. इस समय के बीच व्रतधारी अपनी श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा करते हैं, और सूर्य देवता को अर्घ्य देते हैं. खरना पूजा की यह पद्धति छठ पूजा का आधार होती है, और इस दिन की गई पूजा से व्रतधारियों को मानसिक शांति, शुद्धता और ऊर्जा का आभास होता है.