Chhath Puja 2024: छठ पूजा का तीसरा दिन गुरुवार को है. इस दिन छठ पूजा का संध्या अर्घ्य है. संध्या अर्घ्य के समय में रवि योग बना रहेगा. उस दिन कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि, पूर्वाषाढा नक्षत्र, धृति योग, कौलव करण, दक्षिण का दिशाशूल और धनु राशि का चंद्रमा है. छठ पूजा के तीसरे दिन व्रती पूरे समय निर्जला व्रत रखते हैं. शाम के समय में जब सूर्य देव अस्त हो रहे होते हैं तो उस वक्त उनको अर्घ्य देते हैं और छठी मैया की पूजा करते हैं.
इसे छठ पूजा का संध्या अर्घ्य कहा जाता है. व्रती जल में खड़े होकर सूर्य देव को जल अर्पित करते हैं. इस दौरान बांस के सूप में प्रसाद, फल आदि रखकर अर्घ्य देते हैं. इस दिन रवि योग 11:47 ए एम से बन रहा है, जो पूरे दिन रहेगा. रवि योग में भगवान सूर्य का प्रभाव अधिक होता है, जिससे सभी प्रकार के दोष दूर होते हैं.
छठ पूजा पर सबसे महत्वपूर्ण दिन तीसरा होता है। इस दिन संध्या अर्घ्य का होता है. इस दिन व्रती घाट पर आकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं. द्रिक पंचांग के अनुसार 7 नवंबर को सूर्योदय प्रातः 06:42 बजे तथा सूर्यास्त सायं 05:48 बजे होगा. इस दिन भक्त कमर तक पानी में खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं.
भगवान विष्णु और देव गुरु बृहस्पति की पूजा करते हैं. भगवान विष्णु की पूजा में पीले फूल, हल्दी, पीले अक्षत्, पंचामृत, तुलसी के पत्ते, गुड़, चने की दाल आदि शामिल करते हैं. पूजा के दौरान विष्णु सहस्रनाम, विष्णु चालीसा, गुरुवार व्रत कथा सुनते हैं. बृहस्पति चालीसा का पाठ कर सकते हैं और गुरु के बीज मंत्र का जाप कर सकते हैं. अंत में केले के पौधे की पूजा करते हैं. कहा जाता है कि केले के पौधे में भगवान विष्णु का वास होता है.
गुरुवार के दिन केला, पीले कपड़े, हल्दी, गुड़, घी, चने की दाल, सोना, पीतल के बर्तन आदि का दान करना चाहिए. इस उपाय से कुंडली का गुरु दोष मिट जाता है. जल्द विवाह के योग बनते हैं. पंचांग से जानते हैं छठ पूजा संध्या अर्घ्य के शुभ मुहूर्त, सूर्योदय, सूर्यास्त, चंद्रोदय, रवि योग, दिशाशूल, राहुकाल आदि.