सच बोलने की अनूठी ताकत: मंदिर में प्रवेश करते ही झूठे शख्स की खुलने लगती है जुबान
Historical Temple: भारत में कई ऐसे मंदिर हैं, जिनकी अपनी खास पहचान और चमत्कारी मान्यताएं हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के डगौली ग्राम सभा में स्थित नरसिंह बाबा मंदिर की बात ही कुछ अलग है. यह मंदिर न सिर्फ श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है, बल्कि इसकी पवित्रता और रहस्यमयी शक्तियां झूठ को सहन नहीं करतीं. यहां आने वाले लोग बताते हैं कि इस स्थान पर झूठ बोलने या झूठी कसम खाने वाले व्यक्ति को सच्चाई स्वीकार करनी ही पड़ती है.
Mysterious Temple in UP: वैसे तो हम कई मंदिरों के बारे में जानते हैं और उनके प्रति काफी श्रद्धा रखते हैं लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपने अलग तरह के चमत्कारों के लिए जाना जाता है. दरअसल उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद में स्थित डगौली ग्राम सभा का नरसिंह बाबा मंदिर अपने चमत्कारों और रहस्यमयी घटनाओं के लिए प्रसिद्ध है. यहां झूठ बोलने या झूठी कसम खाने का साहस कोई नहीं करता, क्योंकि कहते हैं कि मंदिर की पवित्रता झूठ को सहन नहीं करती. नरसिंह बाबा की समाधि और पास में बने हनुमान जी के मंदिर के कारण यह स्थान श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है.
झूठ बोलने वालों के लिए क्यों है डरावना?
आपको बता दें कि इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि अगर कोई व्यक्ति झूठ बोलकर या झूठी कसम खाकर आता है, तो वह अपने आप सच बोलने को मजबूर हो जाता है. स्थानीय मान्यता के मुताबिक, झूठ बोलने वालों के साथ अक्सर कुछ न कुछ अनहोनी हो जाती है. पुजारी महंत बताते हैं कि लोग झूठी कसम खाने वालों को यहां पीपल की लकड़ी पर खड़ा कर शपथ दिलाते हैं. इस प्रक्रिया के दौरान, झूठा व्यक्ति सच कबूल कर लेता है.
तपस्वी नरसिंह बाबा की समाधि
बता दें कि इस मंदिर को लेकर कहा जाता है कि नरसिंह बाबा एक महान तपस्वी थे, जिन्होंने इसी स्थान पर कठोर तपस्या करते हुए समाधि ली थी. उनकी समाधि के पास हनुमान जी की मूर्ति स्थापित है. भक्त यहां सबसे पहले नरसिंह बाबा की पूजा करते हैं और फिर हनुमान जी से आशीर्वाद लेते हैं. यह भी कहा जाता है कि मंदिर में मांगी गई सच्चे मन की मुराद अवश्य पूरी होती है.
यहां झूठी कसम खाने डरते हैं लोग
मंदिर के बारे में एक सबसे रोचक बात यह है कि यहां झूठी कसम खाने वालों को पीला वस्त्र पहनकर पीपल की लकड़ी पर खड़ा किया जाता है. कहते हैं कि ऐसी स्थिति में झूठा व्यक्ति अपने आप सच कबूल कर लेता है. यही कारण है कि इस मंदिर में कोई झूठ बोलने का साहस नहीं करता.
कितनी पुरानी है यह जगह?
आपको बताते चले कि नरसिंह बाबा मंदिर की सही उम्र आज तक कोई नहीं जान पाया. इस मंदिर के हर पुजारी की मृत्यु के बाद उनकी समाधि भी मंदिर के पास ही बनाई जाती है. यह परंपरा मंदिर की प्राचीनता को और गहरा बनाती है.
इस मंदिर से जुड़ी है लोगों की ये खास आस्था
बहरहाल, यह मंदिर न केवल श्रद्धालुओं के लिए मन्नतें पूरी करने का स्थल है, बल्कि सच्चाई और न्याय की भी मिसाल है. इसके अलावा इस मंदिर की रहस्यमयी घटनाएं इसे और भी अद्भुत बनाती हैं.