Uttarakhand Char Dham : देवभूमि में स्थित चार धाम का रक्षक है धारी देवी मंदिर, सिद्धपीठ के रूप में होती है मां की पूजा
Dhari Devi : देवभूमि में ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के कलियासौड़ पर मां धारी देवी मंदिर स्थित है. जो चारधामों के रक्षक के रूप में भी जानी जाती हैं.
Dhari Devi Temple : उत्तराखंड में हर साल लाखों की संख्या में लोग घूमने के लिए जाते हैं. इस राज्य में कई बड़े और छोटे मंदिर स्थित हैं. हरिद्वार से लेकर नैनीताल तक यहां हिंदू देवी-देवताओं के मंदिर इसलिए प्रदेश को देवभूमि कहा जाता है. उत्तराखंड की चार धाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जाती है. इन चारधाम में यमुनोत्री, गंगोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ शामिल है. मान्यताओं के अनुसार इन चारों धामों की रक्षा माता धारी देवी करती हैं.
क्या है मंदिर से जुड़ी मान्यताएं
मां धारी देवी मंदिर ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के कलियासौड़ पर स्थित है. यह एक सिद्धपीठ मंदिर है और मां धारी देवी दक्षिण काली के रूप में जानी जाती हैं. यह मंदिर अलकनंदा नदी के बीच में स्थित है. जो चारधामों के रक्षक के रूप में भी जानी जाती हैं. चारधाम यात्रा पर जाने वाले लोग इस मंदिर में देवी के दर्शन के लिए जरूरी जाते हैं. इतिहासकारों के मुताबिक इस मंदिर की स्थापना 3000 वर्ष पहले हो चुकी थी. मान्यताओं के अनुसार काली माता की मूर्ति के रूप में कालीपीठ में थी, बाढ़ के साथ बहकर यहां आ गई थी.
केदारनाथ आपदा से जुड़ी कहानी
जानकारी के अनुसार श्रीनगर जल विद्युत परियोजना बनने के कारण मंदिर को पैराणिक स्वरूप से हटा दिया गया था. इसके स्थान पर कंपनी की तरह से पिलर खड़े किए जा रहे थे. कहा जाता है कि जून 2013 में केदारनाथ आपदा मां की मूर्ति को हटाने की वजह से आई थी. गढ़वाल के लोगों ने इसका विरोध किया था. लेकिन कंपनी ने उनकी कोई बात नहीं मानी. जिसके बाद सैंकड़ों लोग इस विशानकारी आपदा की चपेट में आ गए. कहा जाता है मां सुबह कन्या के रूप में, दिन में युवती और शाम को वृद्धा रूप ले लेती हैं.