दुर्गम पहाड़ों पर हजारों साल से खड़ा है यह पांच मंजिला मंदिर, क्षेत्र में है शनि देव का अधिक प्रभाव

Uttarkashi Prachin Shani temple: उत्तरकाशी के दुर्गम स्थान पर मौजूद प्राचीन शनि मंदिर की विशेषता सुन हर कोई हैरान हो जाता है. इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां शनि देव का अधिक प्रभाव है. 

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Uttarkashi Prachin Shani temple: उत्तरकाशी के एक दुर्गम स्थान पर मौजूद प्राचीन शनि मंदिर अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता के कारण श्रद्धालुओं और इतिहास प्रेमियों का ध्यान आकर्षित करता है. यह मंदिर हजारों साल पुराना बताया जाता है और इसे पत्थर और लकड़ियों से बनाया गया है. यहां के स्थानीय लोग इसे न्याय के देवता शनि महाराज का प्रमुख मंदिर मानते हैं, और इस मंदिर में पूजा अर्चना के साथ-साथ एक अद्भुत किंवदंती भी जुड़ी हुई है.

मंदिर की खास बात यह है कि यहां शनि देव की पूजा उनकी बहन यमुनाजी के साथ की जाती है. यमुनाजी के साथ शनि देव की पूजा करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट होते हैं और उसे न्याय मिलता है. इस मंदिर के बारे में एक पुरानी कहानी भी प्रचलित है, जिसके अनुसार शनि देव ने अपनी बहन यमुनाजी के साथ मिलकर कई वर्षों तक इस स्थान पर तपस्या की थी.

न्याय की तलाश के लिए आते हैं लोग

कहा जाता है कि इस क्षेत्र में शनि देव की शक्तियों का अत्यधिक प्रभाव है, और जो भी व्यक्ति सच्चे मन से यहां पूजा करता है, उसे अपने जीवन में न्याय और सुख की प्राप्ति होती है. यहां तक कि इस मंदिर के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं, खासकर उन लोगों की संख्या अधिक है, जिन्हें न्याय की तलाश होती है.

खरशाली गांव में है शनि का मंदिर

यह प्राचीन मंदिर अपनी वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए न केवल उत्तरकाशी बल्कि पूरे उत्तर भारत में प्रसिद्ध है. यहां के आस-पास के क्षेत्र में शांति और भक्ति का वातावरण बना रहता है, जिससे श्रद्धालु मानसिक शांति प्राप्त करते हैं. यह मंदिर 7वीं या 8वी शताब्दी का बताया जाता है, जो उत्तरकाशी के खरशाली गांव में मौजूद है. इस मंदिर को लेकर कई किवदंतियां भी है. इस मंदिर को पांडवो से भी जोड़कर देख जाता है.
  First Updated : Sunday, 17 November 2024