Vaikuntha Ekadashi 2025: वैकुंठ एकादशी का व्रत पौष शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत रखने और भगवान श्रीहरि की आराधना करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और स्वर्ग में स्थान मिलता है. भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और पूरे विधि-विधान से श्रीहरि विष्णु की पूजा करते हैं.
वैकुंठ एकादशी 2025 तिथि और पारण समय
आपको बता दें कि ज्योतिषाचार्य के अनुसार, 2025 में वैकुंठ एकादशी 10 जनवरी को पड़ रही है. यह नए वर्ष की पहली एकादशी होगी. व्रत करने वाले भक्त 11 जनवरी 2025 को व्रत का पारण करेंगे. पारण का शुभ मुहूर्त सुबह 7:15 से 8:21 तक रहेगा.
वैकुंठ एकादशी का पौराणिक महत्व
वहीं आपको बता दें कि पौराणिक कथाओं के अनुसार, गोकुल नगर के राजा वैखानस ने वैकुंठ एकादशी का व्रत कर अपने पिता को नरक की यातनाओं से मुक्ति दिलाई थी. एक रात राजा को सपने में अपने पिता को नरक की यातना भोगते हुए देखा. उन्होंने ब्राह्मणों से इसका समाधान पूछा, जिन्होंने पर्वत ऋषि के पास जाने की सलाह दी. पर्वत ऋषि ने राजा को वैकुंठ एकादशी व्रत का पालन कर व्रत के पुण्य को पिता के नाम समर्पित करने को कहा. व्रत के प्रभाव से राजा के पिता को नरक से मुक्ति मिली और उन्होंने स्वर्ग जाते हुए दर्शन दिए.
क्या सच में स्वर्ग के द्वार खुलते हैं?
बताते चले कि मान्यता है कि वैकुंठ एकादशी पर व्रत रखने से व्यक्ति को स्वर्ग के द्वार खुलते हैं. इस दिन भगवान विष्णु का विशेष पूजन कर मोक्ष प्राप्ति का अवसर मिलता है. पवित्रता और श्रद्धा के साथ व्रत करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
वैकुंठ एकादशी पर पूजा विधि