Vaishakh Month 2023 Vrat: हिंदू धर्म के अनुसार वैशाख का महीना दूसरा महीना माना जाता है।कहा जाता है कि वैशाख माह में ही त्रेता युग का प्रारंभ हुआ था। जिसमें भगवान विष्णु ने रामावतार प्रकट हुआ था। वैशाख माह को माधवमास भी कहते हैं जिसका अर्थ होती है कि भगवान श्रीकृष्ण का मास।मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण न का दूसरा नाम माधव है।यदि धार्मिक दृष्टिकोण से देखा जाया, तो वैशाख माह का बड़ महत्व दिया जाता है।
इस माह में अक्षय तृतीया बरुथिनी और मोहिनी एकादशी, प्रदोष व्रत मासिक शिवरात्रि, वैशाख अमावस्या और वैशाख पूर्णिमा जैसे महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार हैं। क्या आप जानते है कि वैशाख माह में ऐसे कौन-से कार्य किए जाते हैं जिससे भगवान विष्णु प्रसन्न हो जाते हैं। साथ ही आपके जीवन में आने वाली किसी भी तरह की कोई भी समस्या से छुटकारा दिलाते हैं।
धार्मिक मान्यता के अनुसार वैशाख मास में भगवान विष्णु की उपासना की जाती है।साथ ही इस मास में व्यक्ति का स्नान करना काफी शुभ माना जाता है।इसके साथ ही जो लोग सच्चे मन से इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करते हैं उनके जीवन में सभी कष्टों से उन्हें निवारण मिल जाता है।
साथ ही भगवान विष्णु की कृपा उनपर बनी रहती है। इस दिन पुजा का विशेष रुप से ध्यान रखना चाहिए। आप ने कई ऐसे लोगों को देखा होगा जो कि पूजा के दौरान कई तरह की गलतियां कर देते हैं। जिसके कारण ऐसे लोग कई तरह की समस्या में फस जाते हैं।
मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि स्कंद पुराण के अनुसार वैशाख मास को ब्रह्मा जी ने सब मासों में श्रेष्ठ बताया है बिल्कुल ऐसे ही जैसे ही सतयुग के समान कोई दूसरा युग नहीं, वेदों के समान कई शास्त्र नहीं गंगा के समान कोई तीर्थ नहीं उसी भांति वैशाख मास के समान कोई महीना नहीं है यह मास माता की भांति सब जीवों को सदा अभीष्ट वस्तु प्रदान करने वाला है।सपूर्ण देवी-देवताओँ ने पूजित धर्म यज्ञ क्रिया और तरस्या का सार है ।
आपको बता दें कि वैशाख माह भगवान माधव से जुड़ा हुआ है।इस माह में आप भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा करें और उनके मंत्रों का आवश्य जाप करना चाहिए। इससे आपके जीवन में सुख-शांति बनी रहेगी साथ ही कभी भी धन की कमी नहीं हो पाएगी।
इस दिन पूजा में भगवान विष्णु को तुलसी के पत्तों का उपयोग किया जाता है। इसके साथ ही आप भगवान विष्णु की पूजा करते समय गीता का पाठ करें और वैशाख माह की कथा सुनना बड़ा ही पुण्य का काम माना जाता है। मान्याओँ के अनुसार वैशाख अमावस्या का दिन बड़ा ही खास माना जाता है इस दिन स्नान करने के बाद पितरों के लिए जल से तर्पण पिंडदान किया जाता है।
आपको बता दें कि इस दिन को दक्षिण भारत में शनि अमावस्या के रुप में मनाते हैं। जो लोग वैशाख माह में इस तरह से पूजा करते हैं ऐसा करने से शनि दोष और पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है। याद रहें कि इस पूजा को करते समय किसी भी प्रकार की कोई गलती न हो पाएं, वरना भगवान विष्णुं प्रसन्न होने की जगह क्रोधित हो जाते हैं, और आपको नुकसान पहुंच सकता है। First Updated : Thursday, 06 April 2023