Varuthini Ekadashi 2023 : क्या है वरुथिनी एकादशी का हमारे जीवन में महत्व, क्यों रखते हैं लोग व्रत?

वरुथिनी एकादशी इस साल रविवार 16 अप्रैल को मनाई जायेगी। मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि वैशाख कृष्ण पक्ष में आने वाली यह एकादशी बहुत की शुभ मानी जाती है।साथ ही धार्मिक शास्त्रों में इसका काफी महत्व दिया जाता है।

Shweta Bharti
Edited By: Shweta Bharti

हाइलाइट

  • वरुथिनी एकादशी इस साल रविवार 16 अप्रैल को मनाई जा रही है।

Varuthini Ekadashi 2023 : जिन लोगों को वरुथिनी एकादशी का बड़ी बेसब्री के साथ इंतजार था। उनका इंतजार बहुत जल्द ही खत्म होने वाला है। इस बार वरुथिनी एकादशी 16 अप्रैल दिन रविवार को मनाई जायेगी । इस एकादशी को लेकर कई तरह की कथाएं बताई गई है। कई लोगों का मानना है कि कुरुक्षेत्र में सूर्य ग्रहण के समय एक मन स्वर्ण दान करने से जो फल प्राप्त होता है वही फल वरुथिनी एकादशी के व्रत करने से मिलता है।

मान्यता है कि वरुथिनी एकादशी के व्रत को करने के लिए मनुष्य इस लोक में सुख भोगकर परलोक में स्वर्ग को प्राप्त करते हैं। इस एकादशी को कई लोग करना पसंद करते हैं। साथ ही भगवान की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं।

दान आवश्य करें

जो भी व्यक्ति वरुथिनी एकादशी का व्रत करती हैं उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इस दिन हाथी का दान करना सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। हाथी का दान करने से भूमि दान, भूमि के दान से तिलों का दान, तिलों के दान स्वर्ण दान और स्वर्ण दान से अन्न का दान श्रेष्ठ माना गया है।

हिंदू धर्म में कहा जाता है कि अन्न का दान करने से कोई और दान बड़ा नहीं माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि अन्न का दान करने से देवता पितर औप मनुष्य तीनों तृप्त हो जाते हैं। इसके साथ ही इस तरह से किए गए दान को पौराणिक शास्त्रों में कन्या दान के रुप में माना जाता है। इस एकादशी के दौरान दान करना काफी शुभ माना गया है।

पूजा करने के फायदे 

एकादशी के दिन पितृ तर्पण करने से पितृ प्रसन्न हो जाते हैं साथ ही व्यक्तियों के जीवन से पापों का नाश होने लगता है। वरुथिनी एकादशी के दिन गंगा स्नान करना काफी शुभ माना गया है। व्यक्तियों के गंगा स्नान करने से उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है।

पूरे मनोभाव से स एकादशी का व्रत करने से व्रतधारी को कन्या दान के फल के बराबर माना जाता है। वरुथिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करनी चाहिए।यदि कोई व्यक्ति भगवान विष्णु को अपनी भक्ति से प्रसन्न कर देते हैं, तो उनके जीवन से सभी प्रकार के कष्टों से निवारण मिलता है।

इसके साथ ही पूजा करते समय विशेष प्रकार की सावधानियां बरतनी चाहिए। पूजा के दैरान किसी भी प्रकार की कोई भी गलती करने से बचे। इस दिन दान जरुर करना चाहिए। याद रहे कि इस एकादशी के दिन अन्न का ही दान करें।ऐसा करने से भगवान विष्णु भी प्रसन्न हो जायेंगे।

कैसे करें वरुथिनी एकादशी की पूजा?

जो भी व्यक्ति या कोई महिला वरुथिनी एकादशी का व्रत करना चाहते हैं ऐसे लोगों को सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लेना चाहिए।इसके साथ ही उपवास का संकल्प लेना चाहिए।उसके बाद आपको छोटी मेज या किसी दूसरी जगह सात प्रकार के अन्न रखकर मिट्टी का कलश स्थापित करें और भगवान नारायण की मूर्ति या उनकी तस्वीर पर गंगाजल से स्नान कराना चाहिए।

भगवान विष्णु की पूजा के दौरान गंध सफेद पुष्प, धूप वगैरह समर्पित करें और उनकी सच्चे मन से आरती करें। मान्याओं के अनुसार माना जाता है कि भगवान विष्णु को तुलसी बहुत प्रिय है। पूजा के दौरान उन्हें तुलसी भी अर्पित करनी चाहिए।इसके साथ ही भगवान नारायण का पाठ करना भी काफी शुभ माना जाता है।

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10 April 2023, 12:13 PM IST

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