हिंदू पंचाग में वैशाख माह बेहद ही खास होता है। इस साल 9 अप्रैल यानी रविवार को संकष्टी चतुर्थी का व्रत मनाया जा रहा है। रविवार को चतुर्थी तिथि के दिन कई शुभ योग बन रहे है। इस दिन जो भी व्यक्ति कुछ खास उपायों को करता है विघ्नहर्ता गणेश उस व्यक्ति की सारी परेशानियों को हर लेते है।
9 अप्रैल को विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत मनाया जा रहा है इस दिन भगवान शिव और गौरी पुत्र गजानन की विशेष पूजा करने का विधान है। रिद्धि-सिद्धि के दाता कहे जाने वाले गजानन को विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन उपासना करने से हर कार्य में सफलता मिलती है।
वैशाख माह में विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत 9 अप्रैल 2023 को मनाया जा रहा है जिसका शुभ मुहूर्त 09 बजकर 35 मिनट से शुरू होकर सोमवार 10 अप्रैल को सुबह 8 बजकर 37 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। इस दिन सिद्धि योग भी बन रहे है जो आज यानी 8 अप्रैल को रात 11बजकर 59 मिनट पर शुरू होगा और 9 अप्रैल को रात 10 बजकर 14 मिनट पर समाप्त हो जाएगा।
विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा की विशेष पूजा करने से व्यक्ति की सभी परेशानियों से मुक्ती मिल जाती है और वह हमेशा खुशहाल जीवन जीता है। वैशाख माह के चतुर्थी तिथि को विकट संकष्टी चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है।
इस दिन गणेश जी को दूर्वा चढ़ाना बेहद ही फलदायी माना जाता है साथ ही साथ गणेश जी के मंत्रो का जाप करने से व्यक्ति के जीवन में धन, संपत्ती की कमी नहीं रहती है।
विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन संतान के अच्छे स्वास्थ और बेहतर बौद्धिक के लिए भगवान गणेश को सिंदूर चढ़ाना चाहिए साथ ही गणपति स्तोत्र का पाठ भी करना चाहिए। पूजा करने के बाद भगवान गणेश पर चढ़ाए गए सिंदूर को अपने संतान के माथे पर तिलक लगाना चाहिए। ऐसा करने से भगवान गणेश की विशेष कृप्या मिलती है।
व्यापार में वृद्धि और शत्रुओं पर विजय पाने के लिए विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन तंत्रोक्त मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए। और भगवान गणेश को उनका प्रिय मिष्ठान यानी मोदक का भोग लगाना चाहिए। माना जाता है कि जो भी व्यक्ति ऐसा करता है उसका मंद पड़ा व्यापार फिर से चलने लगता है। First Updated : Saturday, 08 April 2023