जाना चाहते हैं मैहर धाम तो ये जानकारी आपको आसानी से कराएगी माई के दर्शन

माई शारदा को कौन नहीं जानता है, मां तो विद्या की देवी है. हमारे जीवन में जो कुछ होता है कमाई शिक्षा सब मां सरस्वती के कारण की हासिल होता है. नहीं तो कोई भी इंसान न कमा पाए न बड़ा पद हासिल कर पाए. माई शारदा सभी भक्तों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखती हैं. बता दें कि मैहर धाम एक ऐसा तीर्थ स्थल है जहां मातारानी पहाड़ की गुफा में एक सुंदर और मनमोहक चेहरे के साथ बैठी रहती है. मां को देखकर लगता है मानों जिन्दगी में कुछ और न हो. मां का वह सुंदर रूप हर किसी को जरूर देखना चाहिए. अगर आपके मन में भी मां के दर्शन करने की लालसा है तो आप इस खबर को पढ़ें.

calender

मध्यप्रदेश: माता रानी की पूजा के लिए लोग हर साल अपनी पसंदीदा जगहों पर मां की पूजा करने अपने परिवार वालों के साथ जाते हैं. माता के कई स्वरूपों में एक है माई शारदा भवानी. मातारानी मध्यप्रदेश के मैहर में त्रिकूट पर्वत की चोटी पर विराजित है. माई शारदा के दर्शन के लिए आप पर्वत के शिखर तक जाने के लिए दो रास्तों को चुन सकते हैं. जिसके बारे में हम आपको विस्तार से बताने वाले हैं. जिसकी सहायता से आप आसानी पूर्वक मां का दर्शन-पूजन कर आशीर्वाद ले सकते हैं. 

माई शारदा है विद्या की देवी

आप अगर अपने जीवन में सुख-समृद्धि चाहते हैं, विद्या हासिल करना चाहते हैं तो मां शारदा के चरणों में एक बार जरूर जाएं. क्योंकि ये आपके श्रद्धापूर्वक भाव को समझती और जानती है. मां के पास अगर आप समर्पण के भाव से पहुंचते हैं तो आपको मनवांक्षित फल की प्राप्ति होती है. माता के मंदिर तक पहुंचने का पहला रास्ता है सीढ़ी, जिसकी संख्या 1063 है. जिसके माध्यम से आप मां के चौखट तक पहुंच सकते हैं.

अगर आप सीढ़ियों का रास्ता नहीं अपनाना चाहते हैं तो सबसे सहज माध्यम रोपवे है. जिसके माध्यम से आप कुछ ही मिनटों में माता रानी के पहाड़ पर मौजूद होंगे. रोपवे से जाने के लिए आपको 150 रुपये का टिकट मिलेगा. रोपवे का समय सुबह 6 बजे से शुरू होकर शाम के 6 से 8 के बीच बंद कर दिया जाता है.

माई के पास जाते हैं लाखों भक्त 

माई शारदा के दिव्य स्वरूप का दर्शन-पूजन करने के लिए हर दिन कई हजार भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है. जबकि नवरात्रि के समय में तो इस भीड़ की संख्या लाखों पहुंच जाती है. मां शारदा पहाड़ पर रहती है, जबकि पहाड़ के नीचे बड़ा गांव स्थापित है. वहीं कई सारे दुकान और रहने के लिए होटलों की व्यवस्था है. जिससे आने-जाने वाले भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होती है. माता रानी अपने दर पर आए हुए किसी भक्तों को खाली नहीं भेजती है.  

First Updated : Monday, 24 June 2024