भाई बहनों से लड़ाई और कोर्ट कचहरी के चक्कर लगवाता है कमजोर मंगल, इसे मजबूत करने के उपाय ये रहे
मंगल ग्रह को नवग्रहों का सेनापति कहा गया है जो ऊर्जा, शौर्य और पराक्रम का प्रतीक है। लेकिन मंगल अगर कुंडली में कमजोर हो जाए तो काफी कठिनाइयां जीवन में आने लगती हैं।
हिंदू सनातम धर्म में नवग्रह को जिंदगी का आधार कहा गया है। जन्म कुंडली में हर भाव में कोई ना कोई ग्रह शुभ और अशुभ फल देता है। मंगल ग्रह की बातकरें तो मंगल ग्रह को ग्रहों का सेनापति कहा गया है और ये ग्रह ऊर्जा, पराक्रम और साहस के साथ साथ शक्ति का भी कारक होता है। मंगल को मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी कहा गया है जबकि ये मकर राशि में उच्च स्थान पर रहते हैं और कर्क राशि इनकी नीच राशि कही जाती है। यूं तो मंगल अपने जातक को आकर्षक और धनी बनाता है लेकिन अगर मंगल कमजोर हो जाए या फिर अशुभ फल देने लगे तो जीवन में कई तरह की परेशानियां आने लगती है। चलिए जानते हैं कि कमजोर मंगल होने के जीवन में क्या संकेत मिलते हैं और कुंडली में कमजोर मंगल को मजबूत और शुभ बनाने के लिए किस तरह के ज्योतिषीय उपाय लाभकारी सिद्ध हो सकते हैं।
मंगल ग्रह के कमजोर होने के लक्षण -
बार बार गुस्सा आना और अत्यधिक क्रोध करना भी मंगल ग्रह के कमजोर होने का लक्षण है। दरअसल मंगल राशि के जातक क्रोधी तो होते ही हैं लेकिन अगर वो बात बात पर क्रोध कर रहे हैं तो समझ लेना चाहिए कि उनकी कुंडली में मंगल कमजोर स्थान पर बैठे हैं।
विवाह में देर हो रही हो या फिर विवाह के योग बनते बनते कोई रुकावट आ रही हो तो समझ लेना चाहिए कि मंगल शुभ फल प्रदान नहीं कर रहे हैं। ऐसा मांगलिक होने की स्थिति में भी होता है और मांगलिक जातकों के विवाह में काफी अड़चनें और देर होती है।
अगर मंगल कमजोर है और शादी हो गई है तो शादीशुदा जीवन और वैवाहिक गंठबंधन में काफी तकलीफें आती हैं। पति पत्नी के बीच लड़ाई झगड़े तनातनी और आपसी मनमुटाव होता रहता है तो समझ लेना चाहिए कि मंगल कमजोर होकर अशुभ फल दे रहा है।
जमीन संबंधी मामलों और सौदों में लाख कोशिशें करने के बावजूद घाटा हो रहा हो तो ये मंगल के कमजोर होने का लक्षण है।
जातक का भाई बहनों से संबंध बिगड़ना, बड़े भाई से संबंध विच्छेद हो जाना भी मंगल के कमजोर होने का संकेत है क्योंकि मंगल भाई बहन के कारक माने जाते हैं।
अगर शत्रुओं से बार बार पराजय मिल रही है और जायदाद संबंधी मामलों में हार हो रही है तो समझ लेना चाहिए कि मंगल कमजोर स्थिति में है।
अगर कर्ज के जाल में फंसते जा रहे हैं और कर्ज उतरने की बजाय चढ रहा है तो इसे मंगल के कमजोर होने का संकेत माना जा सकता है।
मंगल के कमजोर होने पर शरीर में कई तरह की बीमारियां जैसे नेत्र संबंधी समस्या, फोड़े फुंसी निकलना, हाई ब्लड प्रेशर के साथ साथ किडनी के रोग परेशान कर रहे हों तो समझ लेना चाहिए कि कुंडली में मंगल कमजोर स्थिति में है।
बिना किसी कारण कोर्ट कचहरी के मामले में फंस रहे हैं तो ये भी मंगल के कमजोर होने का संकेत है।
मंगल ग्रह को मजबूत करने के ज्योतिषीय उपाय -
मंगलवार को हनुमान जी के लिए व्रत करने से मंगल मजबूत होता है।
मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा या फिर सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए, इससे मंगल ग्रह की स्थिति मजबूत होती है।
मंगलवार को बिना नमक वाला व्रत करना चाहिए।
मंगलवार के दिन अपनी राशिनुसार मूंगा रत्न धारण करने से मंगल को मजबूती मिलती है।
मंगलवार के दिन हनुमान जी के मंदिर में जाकर उनको सिंदूर अर्पित करने से मंगल मजबूत होता है।
मंगलवार के दिन आस पास नीम के पेड़ पर जल अर्पित करने से मंगल मजबूत होता है।
मंगलवार के दिन लाल रंग के वस्त्र पहनने चाहिए और लाल वस्त्रों का दान करने पर मंगल मजबूत होता है।
मंगलवार के दिन लाल खाद्य पदार्थ जैसे लाल मसूर की दाल, लाल रंग का मिष्ठान या फिर लाल रंग का फल जैसे सेब, अनार आदि दान करना चाहिए।
मंगलवार के दिन बजरंग बाण का पाठ करने पर मंगल मजबूत होता है।
मंगलवार के दिन अपने बड़े भाई को उपहार देने से मंगल शुभ फल देने लगता है।
अपने भाई औऱ बहनों के साथ अच्छा और मृदु व्यवहार बनाए रखने से भी मंगल मजबूत होता है क्योंकि भाई बहन मंगल के कारक हैं।
मंगलवार के दिन बहते हुए पानी में रेवड़ी या मीठा बताशा बहाने से भी मंगल मजबूत होता है।
मंगलवार के दिन लाल वस्त्रों के साथ साथ गेंहू, तांबे का सामान, मासिच और गुड़ का दान करने से भी मंगल शुभ फल देता है।