Papmochani Ekadashi 2025: कब रखा जाएगा पापमोचनी एकादशी? जानें व्रत पारण का मुहूर्त
पापमोचनी एकादशी व्रत 25 मार्च 2025 को सुबह 05:05 बजे से शुरू होगा और 26 मार्च 2025 को सुबह 03:45 बजे समाप्त होगा. व्रत का पारण 26 मार्च को दोपहर 01:41 बजे से शाम 04:08 बजे तक किया जाएगा. पारण हरि वासर के दौरान नहीं किया जाना चाहिए और इसे द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना आवश्यक है.

हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है. ये व्रत हर साल मार्च या अप्रैल महीने में पड़ता है. ऐसी मान्यता है कि पापमोचनी एकादशी व्रत करने से भक्तों को पापों से मुक्ति मिलती है और अंततः मोक्ष की प्राप्ति होती है. हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है और इसे भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करने से आशीर्वाद की प्राप्ति होती है. एकादशी व्रत के समाप्ति के बाद पारण करना आवश्यक होता है, जिसे विशेष धार्मिक विधि के तहत किया जाता है.
पापमोचनी एकादशी 2025 में 25 मार्च को शुरू होगी और 26 मार्च को इसका समापन होगा. इस दिन भक्तों द्वारा विधिपूर्वक व्रत का पालन किया जाएगा और पारण का समय निश्चित रहेगा.
पापमोचनी एकादशी व्रत 2025: तिथि और समय
हिंदू पंचांग के अनुसार, पापमोचनी एकादशी व्रत 25 मार्च 2025, मंगलवार को सुबह 05:05 बजे प्रारंभ होगा. ये एकादशी व्रत 26 मार्च 2025, बुधवार को सुबह 03:45 बजे समाप्त होगा. इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा का महत्व है, और भक्तों को पापमोचनी एकादशी व्रत को विधिपूर्वक रखना चाहिए.
व्रत पारण का समय और महत्व
पापमोचनी एकादशी व्रत का पारण 26 मार्च 2025 को किया जाएगा. व्रत पारण का शुभ मुहूर्त 26 मार्च को दोपहर 01:41 बजे से लेकर शाम 04:08 बजे तक रहेगा. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना अनिवार्य है. ये पारण हरि वासर के समाप्ति से पहले ही करना चाहिए.
हरि वासर में पारण ना करें
पापमोचनी एकादशी व्रत का पारण हरि वासर के दौरान नहीं किया जाना चाहिए. हरि वासर द्वादशी तिथि की पहली चौथाई होती है और ये समय एकादशी व्रत तोड़ने के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता. पारण के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा माना गया है, ताकि व्रत के सभी नियमों का पालन सही तरीके से किया जा सके.