Parikrima: मंदिरों में देवी-दवेती की पूजा करने के बाद क्यों की जाती है परिक्रमा, क्या है इसके पीछे का कारण?
Parikrima: जब भी कोई पवित्र पर्व आता है तो हर महिला हर पुरुष मंदिरों में भगवान के दर्शन करने व उनकी पूजा-पाठ करने जाते हैं. उसी दौरान वही परिक्रमा भी करते हैं आखिर ये परिक्रमा क्यों की जाती है?
हाइलाइट
- हिंदू धर्म में मंदिरों में पूजा-पाठ करने का अपना अलग ही महत्व होता है.
Parikrima: हिंदू धर्म में मंदिरों में पूजा-पाठ करने का अपना अलग ही महत्व होता है अधिक लोग तो ऐसे होते हैं जो रोजाना मंदिर में जाकर देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करते हैं. जिस तरह सप्ताह में सातों दिन अलग-अलग होते हैं ठीक उसी प्रकार देवी-देवता भी अलग होते हैं जिनकी पूजा करने उनके भक्त लगातार जाते हैं. देवी-देवताओं की पूजा करने तो सब जाते ही हैं लेकिन क्या कभी आप ने सोचा है की पूजा करने के बाद मंदिरों में परिक्रमा क्यों की जाती है आखिर इसके पीछे का क्या कारण है
गणेश और कार्तिकेय की कथा
काफी समय पहले की बात है जब भगवान शिव और माता पार्वती ने अपने दोनों पुत्र गणेस और कार्तिकेय को पूरी सृष्टि का चक्कर लगा कर आने वाले को सबसे पहले विजेता घोषित करने की एक प्रतियोगिता रखी थी. दोनों ने जमकर इस प्रतियोगिता का सामना किया.
भगवान गणेश ने बड़ी चालाकी से भगवान शिव और माता पार्वती के चारों तरफ तीन बार घूम कर परिक्रमा कर ली और यह प्रतियोगिता जीत ली. उन्हीं की तर्ज पर सारी सृष्टि भगवान को ही माता पिता मानकर उसकी परिक्रमा कर लेते हैं.
जानें परिक्रमा करने के फायदे
देवी-देवताओं की पूजा करने के बाद जब परिक्रमा करते हैं तो इससे आपकी पूजा सफल होती है.वही कुछ लोग ऐसे भी हैं जो देवी-देवताओं की पूजा करने के बाद परिक्रमा नहीं करते हैं जिससे उनकी पूजा सफल नहीं हो पाती है.
मान्यताओं के अनुसार माना जाता है कि परिक्रमा करने से जीवन में सभी प्रकार की समस्याएं दूर होती है साथ ही जीवन में सुख-शांति बनी रहती है. इसीलिए आप जब भी मंदिर देवी-देवताओं की पूजा करने जाएं तो परिक्रमा अवश्य करें.