Suryadev: क्यों कहा जाता है सूर्यदेव को नवग्रहों का राजा, आखिर किस दिन की जाती है सूर्यदेव की पूजा?
Suryadev: शास्त्रों में कई ऐसी बातें कहीं जाती हैं जिनके बारे में हमें पता नहीं होता है. अक्कर अधिकतर लोगों के मन में अनेक विचार आते हैं कि सूर्य एक ग्रह है या फिर कोई देवता आइए जानें.
हाइलाइट
- सूर्यदेव की पूजा–अर्चना रविवार के दिन यानी आज की जाती है.
Suryadev: हिंदू धर्म में प्रत्येक भगवान का सम्मान दिल से किया जाता है. वहीं सनातन धर्म में भी देवी-देवताओं को काफी महत्व दिया जाता है. अधिकतर लोगों रविवार के दिन सूर्यदेव की पूजा करते हैं लेकिन पूजा करते समय काफी लोगों के मन में एक सावल होता है कि आखिर सूर्य कोई ग्रह है या फिर कोई देवता इस बात को काफी लोग सोचते हैं लेकिन उन्हें अभी इस बात का जबाव मनीं मिला है. आज हम आपको बतायेंगी की सूर्यदेव कोई ग्रह हैं या कोई देवता आइए जानते हैं.
शास्त्रों के अनुसार भगवान सूर्य देव को पंचदेव में स्थान प्राप्त है. पंचदेव में भगवान गणेश दुर्गा, शिव, विष्णु और सूर्य देव शामिल हैं. सनातम धर्म में इन देवताओं की सबसे पहले पूजा का विधान है ऐसे में सूर्य को सभी देवताओं में विशेष स्खान प्राप्त है हिंदू धर्म के अनुसार सूर्य देव ही एकमात्र ऐसे देवता हैं जो प्रत्यक्ष रूप से दिखाई देते हैं.
माना जाता है कि जो भी भक्त सच्ची श्रद्धा से पंचदेव की आराधना करता है उसको यश-पुण्य और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है. इसके अलावा सूर्यदेव को वायु तत्व के अधिपति कहा जाता है. इसीलिए रोजाना जल चढ़ाने के बाद नमस्कार करके इनकी आराधना का विधान है.
इस दिन की जाती है भगवान सूर्यदेव की पूजा
सूर्यदेव की पूजा–अर्चना रविवार के दिन यानी आज की जाती है कहा जाता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से भगवान सूर्यदेव की पूजा करते हैं उनके जीवन में आ रही सभी प्रकार की बांधाएं दूर रहती हैं साथ ही जीवन में सुख-शांति बनी रहती है सूर्यदेव की पूजा करने के बाद तुलसी माता को जल चढ़ाना न भूलें. यदि आप तुलसी में जल नहीं चढ़ाते हो तो आपकी पूजा सफल नहीं होगी. इसके लिए आपको तुलसी में जल चढ़ाना काफी अवश्य है.