Nag panchmi 2023: नाग पंचमी के दिन क्यों पिलाया जाता है नागों को दूध, कब से चली आ रही है ये परंपरा

Nag panchmi 2023: हिंदू धर्म में आज का दिन बेहद माना जात है क्योंकि आज कई देशों में नाग पचंमी का त्योहार काफी धूम-धाम के साथ मनाया जा रहा है.

calender

Nag panchmi 2023: नाग पंचमी का हिंदू धर्म में काफी महत्व माना जाता है साथ ही कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति आज के दिन नागों की पूजा सच्चे मन से करता है तो उसके उसका कुंडली में मौजूद सर्प दोष से उसे मुक्ति मिलती है. नाग पंचमी का त्योहार हर साल मनाया जाता है क्या कभी आप ने सोचा है कि जब भी यह त्योहार आता है इस में हम नागों को दूध ही क्यों पिलाते हैं साथ ही उनकी पूजा भी करते हैं आखिर ऐसा क्यों होता है जानें इसकी परंपरा कब से चली आ रही है.

शेषनाग महिला को लेकर गए पाताल लोक

शास्त्रों में बताया जाता है कि काफी समय पहले एक ब्राह्मण की सात बहुएं थीं. जब सावन लगा तो 6 बहुओं के मायके वाले अपने घर लेकर चले गए. जिसके बाद सातवीं पत्नी दुखी हो गई और ब्राह्मण से कहने लगी कि मेरा कोई अपना क्यों नहीं हैं. उस महिला ने शेषनाग को अपने भाई के रूप में याद किया तो वह किसी व्यक्ति का रूप धारण कर उसे अपने साथ ले गए कुछ घंटों बाद उसने अपना असली रूप बदला और महिला को पाताल लोक में लेकर पहुंच गया जहां पर रहने वाले बहुत से नागों के बच्चों ने जन्म लिया.

पंचमी के दिन किया नागों के परिवार को याद

इस पर शेषनाग रानी ने बहू को एक पीतल का दीपक दिया और कहा कि इसकी रोशनी में तुम सब कुछ देख सकती हो. कुछ दिनों बाद दीपक लेकर वह महिला गिर गई जिससे नागों की पूंछ कट गई इधर सावन खत्म होते ही शेषनाग ने उसे अपने ससुराल भेज दिया. अगले वर्ष सावन आने पर छह बहुएं फिर से मायके चली गईं तो सातवीं पंचमी करे दिन दीवार पर नाग परिवार को अंकित कर विधिविधान से पूजा करने लगी.

जब नागों के बच्चे बड़े हुए तो उन्हें पता चला कि आखिर किस कारण उनकी पूंध कटी थी. गुस्से में आकर सभी नागों के बच्चे उस महिला के घर पहुंचे जिसने उनकी पूंछ दीपक से काट दी.महिला के घर पहुंचते ही उन्होंने देखा कि महिला तो उनके ही परिवार की पूजा कर रही है तो वह शांत हो गए. उन्होंने तब दूध पिया और नागकुल से निर्भय रहने का आशीर्वाद दिया. First Updated : Monday, 21 August 2023