शाम के वक्त क्यों नहीं तोड़नी चाहिए फूल और पत्तियां? जानें धार्मिक और वैज्ञानिक कारण

Evening Rituals: हिंदू धर्म में सूर्यास्त के बाद पेड़-पौधों से फूल और पत्तियां न तोड़ने की परंपरा का पालन किया जाता है. यह परंपरा धार्मिक विश्वासों के साथ-साथ वैज्ञानिक कारणों से भी महत्वपूर्ण मानी जाती है. सूर्यास्त के समय पेड़-पौधे विश्राम की अवस्था में होते हैं, और यह परंपरा उनके संतुलन को बनाए रखने के लिए है.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Evening Rituals: हिंदू धर्म में कई प्राचीन परंपराओं और मान्यताओं का पालन किया जाता है, जिनमें से एक महत्वपूर्ण मान्यता है कि सूर्यास्त के बाद पेड़-पौधों से फूल या पत्तियां नहीं तोड़नी चाहिए. यह परंपरा आज भी घर के बुजुर्गों द्वारा सख्ती से मानी जाती है, जो बच्चों और युवा पीढ़ी को इस परंपरा का पालन करने के लिए प्रेरित करते हैं. इस विषय में न केवल धार्मिक दृष्टिकोण है, बल्कि वैज्ञानिक कारण भी शामिल हैं, जो इस परंपरा को और भी महत्वपूर्ण बनाते हैं.

आज हम जानेंगे कि क्यों सूर्यास्त के बाद पेड़-पौधों को छूना या उनके फूल-पत्ते तोड़ना न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से गलत माना जाता है, बल्कि इसका वैज्ञानिक पक्ष भी क्या है.

पेड़-पौधे और उनकी विश्राम अवस्था

हिंदू धर्म में पेड़-पौधों को जीवित और आत्मीय माना गया है. ऐसी मान्यता है कि दिन के अंत में सूर्यास्त के बाद पेड़-पौधे विश्राम की अवस्था में चले जाते हैं. इस समय इनसे छेड़छाड़ करने से इनकी नींद में खलल पड़ता है, जो अनुचित माना जाता है. ठीक वैसे जैसे किसी इंसान को नींद से जगा देना गलत माना जाता है, वैसे ही पेड़-पौधों को भी इस समय परेशान नहीं किया जाना चाहिए.

जानवरों और कीड़ों का आश्रय

दूसरी धार्मिक मान्यता यह है कि पेड़-पौधों पर छोटे-छोटे पशु-पक्षी और कीट-पतंगों का बसेरा होता है. जब सूरज डूबता है, तो ये सभी अपना आश्रय स्थल खोजने के लिए पेड़-पौधों पर आ जाते हैं. अगर इस समय पेड़-पौधों को छेड़ा या तोड़ा जाता है, तो यह इन जीवों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है, जिससे उनका शांति भंग हो सकता है.

पूजा में उपयोग होने वाले फूल

धार्मिक मान्यता के अनुसार, पूजा में चढ़ाने के लिए फूलों को भी सुबह ही तोड़ना चाहिए. क्योंकि अधिकांश फूल दिन के समय ही खिलते हैं और सूर्यास्त के बाद वे मुरझा जाते हैं, जिससे उनके सौंदर्य और खुशबू में कमी आ जाती है. इसलिए पूजा के लिए ताजे और सुंदर फूलों को ही तोड़ा जाता है.

कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन

विज्ञान के अनुसार, शाम के समय पेड़-पौधे कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ने लगते हैं, जबकि दिन में ये ऑक्सीजन का उत्सर्जन करते हैं. इस दौरान यदि आप पेड़-पौधों से संपर्क करते हैं या उन्हें तोड़ते हैं, तो यह आपके लिए नुकसानकारी हो सकता है. इसके अलावा, रात में कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन की अधिकता से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.

मानसिक और शारीरिक विकास पर असर

विज्ञान यह भी बताता है कि रात के समय पेड़-पौधे अपनी ऊर्जा को संचित करते हैं, और यदि उन्हें इस समय परेशान किया जाता है, तो यह उनके सामान्य विकास को प्रभावित कर सकता है. इसके अलावा, यह भी कहा जाता है कि रात में पेड़-पौधों को छेड़ने से मानसिक शांति में भी विघ्न उत्पन्न हो सकता है.

Disclaimer: ये आर्टिकल मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. JBT इसकी पुष्टि नहीं करता.

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05 January 2025, 11:43 PM IST

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