Amavasya hair open: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को विशेष महत्व दिया गया है. पंचांग के अनुसार, अमावस्या के दिन नकारात्मक ऊर्जाओं का प्रभाव बढ़ जाता है, जिससे बचने के लिए कई सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है. इन्हीं में से एक है महिलाओं का बाल खुले न रखना. दादी-नानी से सुनी यह बात केवल परंपरा नहीं है, बल्कि इसके पीछे धार्मिक और ज्योतिषीय कारण भी हैं.
ऐसा माना जाता है कि अमावस्या के दिन खुले बाल रखना महिलाओं के लिए अशुभ हो सकता है. धर्मशास्त्रों और पौराणिक कथाओं में भी खुले बालों को नकारात्मक ऊर्जा के आकर्षण का कारण बताया गया है. आइए जानते हैं कि अमावस्या पर बाल खुले रखने से जुड़ी मान्यताओं का क्या है महत्व और इनके पीछे क्या हैं वजह.
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, अमावस्या के दिन नकारात्मक शक्तियां अधिक सक्रिय हो जाती हैं. ऐसे में बाल खुले रखने पर ये शक्तियां महिलाओं को आसानी से प्रभावित कर सकती हैं. यही कारण है कि दादी-नानी अमावस्या पर बाल खुले रखने से मना करती हैं, ताकि किसी प्रकार की परेशानी या नकारात्मक प्रभाव से बचा जा सके.
ज्योतिष विशेषज्ञ बताते हैं कि अमावस्या के दिन कई तांत्रिक क्रियाएं होती हैं, जिनमें बालों का उपयोग किया जाता है. तंत्र विद्या में बालों का इस्तेमाल मारण, मोहन, उच्चाटन और सम्मोहन जैसी क्रियाओं में किया जाता है. इसलिए अमावस्या के दिन बाल खुले रखने से यह जोखिम बढ़ जाता है.
पौराणिक कथाओं में भी खुले बालों को अशुभ माना गया है. महाभारत की कथा के अनुसार, हस्तिनापुर में वस्त्रहरण के बाद द्रौपदी ने प्रतिज्ञा ली थी कि जब तक दु:शासन का रक्त उनके बालों पर नहीं लगेगा, वह बाल खुले रखेंगी. तब से खुले बालों को अशुभ और दु:ख का प्रतीक माना जाने लगा.
हिंदू धर्म में महिलाओं को सौम्यता और शालीनता का प्रतीक माना जाता है. खुले बालों को नकारात्मकता और विद्रोह का संकेत माना जाता है. इसलिए अमावस्या के दिन बालों को बांधकर रखना एक शुभ और सुरक्षा का उपाय माना जाता है. First Updated : Tuesday, 31 December 2024