Kedareshwar Cave Temple: दुनियाभर में कई ऐसे मंदिर है जो अपने अनोखे रहस्यों और अद्भुत वास्तुकला के कारण मशहूर है. महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित केदारेश्वर गुफा मंदिर ऐसा ही एक मंदिर है, जो ना केवल अपनी अलौकिक सुंदरता बल्कि अपने रहस्यमय तथ्यों के लिए भी जाना जाता है. इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यह दुनिया के अंत का संकेत देता है.
यह मंदिर महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के हरिश्चंद्रगढ़ किले की गुफाओं में स्थित है. ये मंदिर किले के अंदर करीब 4,671 फीट की ऊंचाई पर बना हुआ है. इस मंदिर का निर्माण 6वीं शताब्दी में कलचुरी राजवंश ने करवाया था, जबकि किले की गुफाएं 11वीं शताब्दी में खोजी गई.
केदारेश्वर मंदिर की बनावट बेहद अनोखी है. वैसे किसी भी संरचना को टिके रहने के लिए चार खंभों की जरूरत होती है, लेकिन यह मंदिर आज भी केवल एक खंभे पर टिका हुआ है. मंदिर के चार खंभों को चार युगों – सत्ययुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग, और कलियुग – का प्रतीक माना जाता है.
मंदिर में पहले चार खंभे थे, लेकिन उनमें से तीन खंभे टूट चुके हैं. ऐसी मान्यता है कि अगर आखिरी खंभा भी टूट गया, तो यह दुनिया के अंत का संकेत होगा. इसके अलावा, यह भी कहा जाता है कि इन खंभों की ऊंचाई बदलते युगों के अनुसार घटती-बढ़ती रहती है.
मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यहां स्थित शिवलिंग है, जो बर्फ जैसे ठंडे पानी के बीच स्थित है. यह शिवलिंग करीब 5 फीट ऊंचा और पूरी तरह प्राकृतिक रूप से निर्मित है.
यहां पर लोगों का कहना है कि गर्मयों में यहां का पानी बर्फ जैसा ठंडा हो जाता है. वहीं, सर्दियों में यह पानी गुनगुना हो जाता है. मान्यता है कि इस जल में डुबकी लगाने से सभी पापों और कष्टों से मुक्ति मिलती है.
(यह जानकारी धार्मिक मान्यताओं आधारित है, जिसकी JBT News पुष्टि नहीं करता हैं) First Updated : Wednesday, 20 November 2024