शीतकालीन चारधाम यात्रा का हुआ शुभारंभ, जानें क्यों कहते हैं इसे सूर्य पर्यटन
Winter Char Dham: सर्दियों के महीनों में भारी बर्फबारी के बीच शीतकालीन चार धाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह है. 30 दिसंबर तक 15,000 से अधिक श्रद्धालु इस चार धाम के दर्शन कर चुके हैं. जानें इसका महत्व...
Winter Char Dham Yatra: उत्तराखंड सरकार ने 8 दिसंबर 2024 को शीतकालीन चार धाम सर्किट का शुभारंभ किया. इस पहल का मुख्य उद्देश्य सर्दियों के ऑफ-सीजन में भी पर्यटकों को आकर्षित करना और राज्य की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना है. यह पहल चार धाम यात्रा के प्रति पर्यटकों की रुचि को नई दिशा देती है.
शीतकालीन चार धाम - कौन-कौन से स्थान शामिल हैं?
आपको बता दें कि चार धाम यात्रा में उत्तराखंड के चार प्रमुख तीर्थस्थल गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ शामिल हैं. ये मंदिर गर्मियों में लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं. लेकिन सर्दियों में इन स्थलों पर भारी बर्फबारी होने से यात्रा मुश्किल हो जाती है. इसलिए इन धामों के मुख्य देवताओं को उनके शीतकालीन निवास स्थानों में ले जाया जाता है.
- गंगोत्री धाम का शीतकालीन निवास: मुखबा, उत्तरकाशी.
- यमुनोत्री धाम का शीतकालीन निवास: खरसाली, उत्तरकाशी.
- केदारनाथ का शीतकालीन निवास: उखीमठ का ओंकारेश्वर मंदिर.
- बद्रीनाथ का शीतकालीन निवास: पांडुकेश्वर, चमोली.
सर्दियों में चार धाम यात्रा का उद्देश्य
वहीं आपको बता दें कि सर्दियों के महीनों में चार धाम यात्रा का मुख्य उद्देश्य तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को आकर्षित करना है. इस पहल के जरिए सरकार सर्दियों में भी राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है. आंकड़ों के मुताबिक, 30 दिसंबर 2024 तक ओंकारेश्वर मंदिर में 6,482 श्रद्धालु आए, जबकि पांडुकेश्वर, मुखबा और खरसाली ने भी तीर्थयात्रियों की अच्छी संख्या दर्ज की.
क्या है सूर्य पर्यटन?
बताते चले कि सर्दियों में जब पूरा उत्तर भारत धुंध और ठंड से घिरा होता है, तब उत्तराखंड का मौसम अपेक्षाकृत साफ और अनुकूल रहता है. इसे 'सूर्य पर्यटन' के नाम से जाना जाता है. इस दौरान पर्यटक चार धाम के शीतकालीन निवास स्थलों और आसपास के कम प्रसिद्ध स्थलों का आनंद ले सकते हैं.
आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण
इसके अलावा आपको बता दें कि चार धाम यात्रा से उत्तराखंड को प्रतिदिन लगभग 200 करोड़ रुपये की आमदनी होती है. शीतकालीन यात्रा से राज्य को सर्दियों में भी राजस्व बढ़ने की उम्मीद है.