कैबिनेट ने बुधवार को चंद्रयान मिशन के विस्तार को मंजूरी दे दी, जिसके तीसरे चरण में लैंडर और रोवर को चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतारा गया. इसके साथ ही, इसने वीनस ऑर्बिटर मिशन, गगनयान मिशन के बाद के मिशन, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के विकास और अगली पीढ़ी के लॉन्च वाहन के विकास को भी मंजूरी दे दी.
चंद्रयान-4 नामक इस चंद्र मिशन का उद्देश्य चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरने के बाद पृथ्वी पर वापस लौटने के लिए तकनीक विकसित करना और उसका प्रदर्शन करना है. यह पृथ्वी पर विश्लेषण के लिए चंद्रमा के नमूने भी एकत्र करेगा.
शुक्र परिक्रमा मिशन (वीओएम) शुक्र के वायुमंडल और भूविज्ञान को बेहतर ढंग से समझने के लिए वैज्ञानिक अन्वेषण पर ध्यान केंद्रित करेगा, तथा इसके घने वायुमंडल की जांच करके व्यापक वैज्ञानिक डेटा उत्पन्न करेगा.
कैबिनेट ने वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए भारत के अपने अंतरिक्ष स्टेशन भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (बीएएस) के निर्माण को भी मंजूरी दी। वर्तमान में, केवल दो कार्यशील अंतरिक्ष स्टेशन अमेरिका के नेतृत्व वाला अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन और चीन का तियांगोंग हैं. बीएएस की स्थापना 2028 में अपने पहले मॉड्यूल के प्रक्षेपण के साथ करने की योजना है.
इसके अतिरिक्त, मंत्रिमंडल ने गगनयान परियोजना के लिए अनुवर्ती मिशनों और अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यान के विकास को मंजूरी दी. हाल ही में, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने परीक्षण पूरा करके लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) को सौंप दिया. First Updated : Wednesday, 18 September 2024