अब अंतरिक्ष में बनकर धरती पर सप्लाई होगी बिजली, जानें क्या है पूरा प्लान

Space Based Solar Power: बार बार होती बिजली की कटौती से हम सभी परेशान हैं. ऐसे में जल्द ही बिजली की किल्लत से आपको छुटकारा मिल सकता है. ब्रिटेन की एक स्टार्टअप कंपनी ने 2030 तक अंतरिक्ष से बिजली की सप्लाई शुरू करने का दावा किया है. इस परियोजना का मकसद ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देना है.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Space Based Solar Power: बिजली की किल्लत से जल्द ही छुटकारा मिल सकता है. वैज्ञानिक अब एक ऐसी योजना पर काम कर रहे हैं जिसमें अंतरिक्ष में बिजली उत्पन्न कर धरती पर सप्लाई की जाएगी. अगर यह परियोजना सफल रहती है, तो हर मौसम में और हर जगह 24 घंटे बिजली मिल सकेगी. ब्रिटेन की एक स्टार्टअप कंपनी ने 2030 तक अंतरिक्ष से बिजली की सप्लाई शुरू करने का दावा किया है. 

अंतरिक्ष में स्थित सौर पैनल के जरिए बिजली बनाकर पृथ्वी पर डायरेक्ट ट्रांसमिशन की योजना को ब्रिटेन, अमेरिका, जापान और यूरोप के कई देशों ने समर्थन दिया है. इसके तहत, एक विशेष सैटेलाइट स्थापित किया जाएगा, जो सौर ऊर्जा को सीधे रिसीव कर पृथ्वी पर बिजली सप्लाई करेगा. 

अंतरिक्ष से बिजली सप्लाई का प्लान

विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में नई उपलब्धियों के साथ, वैज्ञानिक एक ऐसी परियोजना पर काम कर रहे हैं जिससे अंतरिक्ष में सौर ऊर्जा से बिजली उत्पन्न की जाएगी. ब्रिटेन की स्पेस सोलर इंजीनियरिंग कंपनी इस योजना को साकार करने में जुटी है. इस प्रोजेक्ट के तहत, 2030 तक अंतरिक्ष में सोलर पावर सैटेलाइट भेजा जाएगा, जो 24x7 बिजली सप्लाई करेगा.

कैसे करेगा काम?

इस प्रोजेक्ट के तहत 400 मीटर चौड़ा और 70 टन वजन का सैटेलाइट पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया जाएगा. इसमें विशालकाय सोलर पैनल लगे होंगे जो सूर्य की किरणों से बिजली उत्पन्न करेंगे और इसे धरती पर 2.45 गीगाहर्ट्ज़ फ्रीक्वेंसी पर ट्रांसमिट करेंगे. इस तकनीक से बिना तार या खंभे के 30 मेगावॉट ऊर्जा सीधे धरती तक पहुंचेगी, जो 3,000 घरों को रोशन कर सकेगी.

2030 में पहला ऑर्बिटल डेमोंस्ट्रेटर सैटेलाइट

स्पेस सोलर इंजीनियरिंग के अनुसार, कंपनी 2030 में पहला ऑर्बिटल डेमोंस्ट्रेटर सैटेलाइट लॉन्च करेगी. अगर यह सफल रहा, तो यह नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि होगी. हालांकि, इसे पूरी तरह ऑपरेशनल होने में 2040 तक का समय लग सकता है.

2036 तक 6 ऊर्जा स्टेशन बनाने का लक्ष्य

इस योजना का मकसद 2036 तक छह ऊर्जा स्टेशन स्थापित करना है. प्रत्येक स्टेशन की लागत 80 करोड़ डॉलर तक हो सकती है. इन पावर स्टेशनों के माध्यम से 24 घंटे बिजली आपूर्ति संभव हो पाएगी, भले ही मौसम कैसा भी हो. इस प्रणाली से मौसम की बाधाओं के बिना सतत बिजली सप्लाई की जा सकेगी.

पर्यावरण संरक्षण में मदद

अंतरिक्ष से बिजली सप्लाई के माध्यम से 2050 तक कार्बन उत्सर्जन को शून्य करने में भी मदद मिलेगी. यह साफ-सुथरी, ग्रीन एनर्जी होगी जो पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों की तुलना में पर्यावरण को सुरक्षित बनाएगी और ब्रिटेन की ऊर्जा जरूरत का एक बड़ा हिस्सा पूरा करेगी.

कम कीमत पर बिजली उत्पादन की चुनौती

हालांकि, इस योजना की सबसे बड़ी चुनौती कम कीमत पर बिजली का उत्पादन करना है. अंतरिक्ष में बनने वाले पावर स्टेशन का ढांचा काफी बड़ा होगा, और पृथ्वी की कक्षा से बिजली ट्रांसमिट करने वाले सैटेलाइट पर लगभग एक किलोमीटर लंबी ट्रांसमीटर सतह लगानी होगी. इसका आकार और लागत इसे स्पेस स्टेशन की तुलना में अधिक महंगा बनाता है, जिससे बिजली की कीमतें उच्च हो सकती हैं.

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06 November 2024, 06:10 PM IST

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