तेजी से पिघल रहे हैं हिमालय के ग्लेशियर, 200 करोड़ लोगों के जीवन पर मंडरा रहा है खतरा
ICIMOD की एक रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2100 तक हिमालय के 75 फिसदी ग्लेशियर खत्म हो जायेंगे। इस रिपोर्ट की मानें तो 8 देशों के 200 करोड़ लोगों का जीवन संकट में है।
हाइलाइट
- 2100 तक खत्म हो जायेंगे हिमालय के 75% ग्लेशियर
- संकट में है 200 करोड़ लोगों का जीवन
Himalayan glaciers are melting fast : मानव जाति के लिए एक चौकानें वाली ख़बर आई है। ख़बर ये है कि वर्ष 2100 तक हिमालय के 75 फीसदी ग्लेशियर खत्म हो जाएंगे। अगर ये रिपोर्ट सच साबित हुई तो 8 देशों के 200 करोड़ लोगों का जीवन संकट में आ जायेगा। किसी को पीने के पानी की किल्लत से जूझना पड़ेगा तो कोई बाढ़ की चपेट में आ सकता है। ये जो आठ देश हैं इनमें भारत भी शामिल है। भारत के अलावा पाकिस्तान, भूटान, अफगानिस्तान, चीन, म्यांमार, नेपाल और बांग्लादेश इसकी चपेट में आ सकते हैं।
तेजी से पिघल रहे हैं ग्लेशियर
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि हिमालय के ग्लेशियरों के पिगलने की रफ्तार लगातार बढ़ती जा रही है। वर्ष 2010 के बाद से ग्लेशियर 65% की दर से पिघल रहे हैं। अगर ऐसे ही तापमान में बढ़ोतरी होती रही तो आने वाले समय में पिघलने का सिलसिला और भी तेज हो जायेगा। अगर टेम्परेचर 1.5 डिग्री सेल्सियस से 2 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ता है तो हिमालयों के ग्लेशियर 2100 तक 30 % से 50% की दर से पिघलेंगे।
आशंका तो ये भी जताई जा रही है कि टेम्परेचर 3 डिग्री तक बढ़ सकता है। और इस अनुमान से 75% की तेजी से ग्लेशियर्स पिघलेंगे। इतना ही नहीं रिपोर्ट्स में तो ये भी कहा गया है कि भारत की कई नदियां सूखने के खतरे के कगार पर हैं। इसमें गंगा और घाघरा नदी समेत भारत की 12 नदियां शामिल हैं। ये सभी नदियां हिमालय के ग्लेशियर से निकली हैं।
100 वर्षों में खत्म हो जायेंगे ग्लेशियर
हम तेजी के साथ प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर रहे है। क्लाइमेट चेंज की वजह से सिर्फ पानी के खत्म होने का ही ख़तरा नहीं मंडरा रहा है बल्कि एक से एक विकराल समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। एक रिपोर्ट्स की मानें तो क्लाइमेट चेंज की वजह से जिस बर्फ को 200 वर्षों में पिघलना था वह मात्र 30 वर्ष में ही पिघल चुकी है। पर्यावरण वैज्ञानिक फिलिपस वेस्टर ने कहा है कि आगामी 100 वर्षों में हम हिमालय के ग्लेशियर खो देंगे।
आपको बता दें कि हिमालय 3500 Km में फैला है। यह 8 देशों को कवर करता है। हिमालय की 200 ग्लेशियर झीलें ऐसी हैं जो खतरे में बताई जा रही हैं। पर्यावरणविद पैन पीयरसन की मानें तो अगर एक बार ग्लेशियर की बर्फ पिघलने लगती है तो उसे दोबारा से जमा पाना मुश्किल होता है।