पूर्व कोच शास्त्री ने कहा, भारत में जलने वाले लोग चाहते थे कि मैं विफल हो जाऊं
भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के नए क्रिकेट निदेशक बनाए गए रॉबर्ट की को सलाह देते हुए कहा है कि इंग्लैंड के इस पूर्व सलामी बल्लेबाज को ड्यूक गेंद की तरह ‘मोटी चमड़ी’ विकसित करने की जरूरत है
लंदन, 26 अप्रैल (वेब वार्ता)। भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के नए क्रिकेट निदेशक बनाए गए रॉबर्ट की को सलाह देते हुए कहा है कि इंग्लैंड के इस पूर्व सलामी बल्लेबाज को ड्यूक गेंद की तरह ‘मोटी चमड़ी’ विकसित करने की जरूरत है जैसे उन्होंने ‘जलने वाले लोगों’ का सामना करने के लिए किया था। शास्त्री 2014 से 2021 के बीच एक साल को छोड़कर बाकी समय भारत के कोचिंग स्टाफ के प्रमुख रहे।
इस एक साल के दौरान अनिल कुंबले को मुख्य कोच नियुक्त किया गया था। ब्रिटेन के ‘द गार्डियन’ समाचार पत्र को दिए साक्षात्कार में शास्त्री ने कहा कि भारत में ‘जलने वाले लोगों का गुट’ था जो हमेशा चाहता था कि वह विफल हो जाएं। शास्रीहम की तरह रॉबर्ट की भी लंबे समय से प्रतिष्ठित कमेंटेटर हैं और उनके पास कोई कोचिंग डिग्री नहीं है। शास्त्री ने कहा, ‘‘मेरा पास भी कोई कोचिंग डिग्री नहीं थी। लेवल एक? लेवल दो? और भारत जैसे देश में हमेशा आपसे जलने वाले लोग या लोगों का गुट होता है जो चाहते हैं कि आप विफल हो जाओ।
मेरी मोटी चमड़ी (लोगों की बातों पर ध्यान नहीं देने वाला) है, आप जिस ड्यूक गेंद का इस्तेमाल करते हैं, उससे भी मोटी।’’ ब्रिटेन के समाचार पत्र ने इस पूर्व भारतीय मुख्य कोच के हवाले से कहा, ‘‘आपको इसका सहारा लेना होता है। रॉब (रॉबर्ट की) जब काम करना शुरू करेगा तो वह इसे विकसित करना सीखेगा क्योंकि प्रत्येक दिन आपके काम को लेकर टिप्पणियां होंगी। मुझे खुशी है कि केंट के साथ खेलने के दौरान उसे कप्तानी का काफी अनुभव है क्योंकि खिलाड़ियों के साथ संवाद सर्वोच्च होता है। ’’
भारतीय टीम के साथ काम करने के अपने अनुभव के आधार पर शास्त्री का मानना है कि दुनिया भर के क्रिकेट जगत में सभी राष्ट्रीय टीम लगभग एक ही तरह से संचालित होती हैं। शास्त्री ने टीम संस्कृति पर जोर देते हुए कहा कि आस्ट्रेलिया में लगातार दो श्रृंखला जीतने के दौरान यह भारतीय टीम का अहम हिस्सा थी। उन्होंने कहा, ‘‘इससे पता चलता है कि हम कैसे खेलना चाहते हैं: आक्रामक होकर और विरोधी टीम को कोई मौका नहीं देना, फिटनेस का शीर्ष स्तर, तेज गेंदबाजों का समूह तैयार करना जो विदेशों में 20 विकेट चटका सकें। और यह आपके रवैये से भी जुड़ा है विशेषकर जब अब आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलते हैं। मैंने लड़कों से कहा कि अगर आपको एक अपशब्द कहा जाता है तो आप तीन वापस कीजिए: दो हमारी भाषा में और एक उनकी भाषा में।’’