आईसीसी महिला अंडर-19 टी20 विश्व कप में भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाने वाली अर्चना देवी को अब ज्यादातर लोग जानने लगे हैं। बता दें कि अर्चना ने इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल में ग्रेस स्क्रीवंस और नियाम हौलेंड के महत्वपूर्ण विकेट लिए और मैक्डोनाल्ड गे का शॉट कवर्स में दर्शनीय और जबरदस्त कैच भी लपका था।
बता दें कि अर्चना देवी के क्रिकेटर बनने के पीछे उनकी मां सावित्री ने बेहद कड़ी तपस्या की और समाज की आलोचनाओं को भी झेला। कैंसर के कारण सावित्री के पति का निधन हुआ तो सांप के काटने के बाद बेटे ने अंतिम सांस ली। सावित्री को इस कारण लोग डायन बुलाते थे। रही-सही कसर रिश्तेदारों ने निकाली उन्होंने सावित्री पर इल्जाम लगाए कि उन्होंने बेटी अर्चना को गलत रास्ते पर भेज दिया।
चुपचाप किया आरोपों को सहन -
बता दें कि सावित्री ने जब अपनी उत्साहित बेटी का दाखिला कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में करावाया तो पड़ोसियों ने कानाफूसी की थी, कि सावित्री ने अर्चना को बेच दिया है। गंज मुरादाबाद में लड़कियों का यह बोर्डिंग स्कूल है, जो उत्तर प्रदेश के उन्नाव में उनके गांव रतई पुरवा से लगभग 15 से 20 किलोमीटर दूर है। सावित्री ने मीडिया से फोन पर बातचीत में कहा कि, 'लड़की को गलत धंधे में डाल दिया है।
लड़की को बेच दिया। ये सारी बातें लोग मेरे मुंह पर बोलते थे।' लेकिन जिस दिन सावित्री की बेटी अर्चना महिला अंडर-19 टी20 विश्व कप का फाइनल खेल रही थी, उस दिन उनके घर पर मेहमानों की भीड़ जमा हो गई थी। वहीं सावित्री ने बताया कि, 'अब आज मेरा पूरा घर मेहमानों से भरा हुआ है और मेरे पास उन्हें कंबल तक देने के लिए नहीं हैं। वे पड़ोसी जो मेरे घर से एक गिलास पानी भी नहीं पीते थे, आज वो अब मेरी मदद कर रहे हैं।'
मुझे देखकर लोग रास्ता बदल लेते थे -
आपको बता दें कि अर्चना के पिता शिवराम का 2008 में कैंसर की वजह से देहावसान हो गया था। सावित्री पर वे काफी कर्ज और तीन युवा बच्चों की देखभाल की जिम्मेवारी छोड़ गए थे। सावित्री के छोटे बेटे बुद्धिमान सिंह की 2017 में सांप के काटने से मृत्यु हो गई थी। तब गांववालों, पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने सावित्री को बिल्कुल नहीं बख्शा। वहीं अर्चना के बड़े भाई रोहित कुमार ने बताया कि, 'मेरी मां को गांववाले डायन कहकर बुलाते थे।
कहते थे कि पहले अपने पति को खा गई, फिर अपने बेटे को, मां को देखकर गांववाले रास्ता बदल लेते थे। रोहित ने बताया कि हमारे घर को डायन का घर कहा जाता था।' मार्च 2022 में पहले लॉकडाउन के दौरान रोहित ने अपनी नौकरी गंवा दी थी। रोहित ने बताया कि बच्चों की परवरिश (गुजर-बसर) के लिए उनकी मां ने कितनी सारी तकलीफें सही हैं।
बेटी देश के लिए खेल रही थी, मां खाना बनाने में व्यस्त थी -
बता दें कि महिला अंडर-19 टी20 विश्व कप फाइनल के दिन सावित्री का घर मेहमानों से भरा हुआ था। सभी लोग अर्चना की तारीफ कर रहे थे और कह रहे थे कि तुम लोगों की तो किस्मत बदल गई। लेकिन इन सबसे परे सावित्री चूल्हें में 20 से 25 लोगों का खाना बनाने में व्यस्त थी।
वहीं 21 साल के रोहित ने अपनी मां के हाथ से स्मार्टफोन लेकर कहा, 'मेरी मां बहुत महान है, जिन्होंने एक चवन्नी कभी मदद नहीं किया, वो आज मेहमान बने हुए हैं और ये सबको चाय पिला रही हैं और नाश्ता खिला रहीं हैं।' First Updated : Monday, 30 January 2023