जब कोई विकल्प नहीं है तो फिर योद्धा की तरह रवैया क्यों ना अपनाएंः Deepak Hooda
भारतीय आक्रमक बल्लेबाज दीपक हुड्डा का मानना है कि जब उन्हें गेंदबाजों के अनुकूल हालात में नई गेंद का सामना करने की जिम्मेदारी दी गई
भारतीय आक्रमक बल्लेबाज दीपक हुड्डा का मानना है कि जब उन्हें गेंदबाजों के अनुकूल हालात में नई गेंद का सामना करने की जिम्मेदारी दी गई तो उन्होंने एक ‘योद्धा’ की तरह रवैया अपनाया। हुड्डा के अनुसार उनके पास शीर्ष क्रम में बल्लेबाजी करने की चुनौती का सामना करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था।
दीपक हुड्डा ने मंगलवार को आयरलैंड के खिलाफ भारत के दूसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में शानदार प्रदर्शन करते हुए 57 गेंद में 104 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली। तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए हुड्डा क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप में शतक जड़ने वाले चौथे भारतीय बल्लेबाज बन गए।
मैच के बाद हुड्डा ने कहा, ‘‘मैंने कभी अंतरराष्ट्रीय मैच में पारी का आगाज नहीं किया, लेकिन शीर्ष क्रम का बल्लेबाज होने के कारण आपको चुनौतियों का सामना करना होता है और आपके पास कोई और विकल्प नहीं होता।’’ उन्होंने कहा, अगर आपके पास कोई विकल्प नहीं है तो फिर आप योद्धा की तरह रवैया क्यों नहीं अपनाते। मैं ऐसे ही सोचता हूं और चीजें मेरे पक्ष में रही। मैं इसे लेकर खुश हूं।’’ हुड्डा ने कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो हां भारतीय टीम में जगह बनाना और फिर वहां बने रहना मुश्किल है। लेकिन जब आप भारत की ओर से खेलते हो तो कभी अपने बारे में नहीं सोचते, आप टीम के बारे में सोचते हो।’’
तीसरे ओवर में सलामी बल्लेबाज इशान किशन के आउट होने के बाद क्रीज पर उतरे हुड्डा ने नौ चौकों और छह छक्कों की मदद से अपना पहला टी20 अंतरराष्ट्रीय शतक पूरा किया। उन्होंने कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो आयरलैंड की टीम हमारे खिलाफ काफी अच्छा खेली और हमने उनके खिलाफ खेलने का लुत्फ उठाया।’’