भारतीय टीम साल 2013 के बाद से एक भी ICC ट्रॉफी जीतने में असफल रही है। भारतीय टीम के कई बड़े स्टेज में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाने के कारण भारतीय टीम ने सेमीफाइनल में तो कई बार अपनी जगह बनाई, लेकिन उसके बावजूद भारतीय टीम ट्रॉफी को अपने नाम नहीं कर सकी। पाकिस्तान के पूर्व ऑलराउंडर खिलाड़ी मोहम्मद हफीज ने इस कड़ी में भारतीय टीम की कमजोरी बताते हुए एक बड़ा बयान दिया है।
मोहम्मद हफीज का मानना है कि भारतीय टीम नॉकआउट (अहम) मुकाबलों में अलग तरीके से खेलती है और वह खुद पर प्रेशर (दबाव) डालती है, जिसके चलते भारतीय टीम को इन अहम मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ता है। दरअसल मोहम्मद हफीज ने एक इंटरव्यू के दौरान भारतीय टीम के बड़े स्टेज में मुकाबला हारने को लेकर एक बयान दिया।
हफीज ने इस बीच कहा कि यह बताना बहुत ही मुश्किल है कि ICC के नॉकआउट मुकाबलों में खेलने का प्रेशर कैसा होता है। भारतीय टीम इस प्रेशर की वजह से हार का सामना करना पड़ रहा है। भारतीय टीम ने कई अहम मुकाबलों में हार का सामना किया है।
आपको बता दें कि भारतीय टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी (साल 2017) का फाइनल मुकाबला हारा और टी20 विश्व कप (साल 2022) के सेमीफाइनल में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा।हफीज ने इसके साथ ही कहा कि यह भारत के लिए बड़ी चिंता का विषय है। अब भारतीय टीम दुनिया को यह बताना है कि वो भी बड़े इवेंट्स में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं और वो भी बिना किसी भी दबाव के साथ।
मोहम्मद हफीज ने आगे कहा कि, 'आप घरेलू क्रिकेट की तुलना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से नहीं कर सकते। इसी तरह आप द्विपक्षीय सीरीज खेलने के दबाव की तुलना ICC टूर्नामेंट के नॉकआउट से नहीं कर सकते। हमने 2022 का टी-20 विश्व कप देखा है कि भारतीय टीम दबाव को संभालने में सक्षम नहीं रही है। भारतीय टीम अहम मुकाबला हारी, सेमीफाइनल हारी और यहां तक कि क्वालीफाई भी नहीं कर सकी।'
मोहम्मद हफीज ने भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत हमेशा से हॉट- फेवरेट रहा है। यह भारत के लिए एक प्लस पॉइंट है और इसकी नींव सौरव गांगुली के युग में रखी गई थी, जब भारतीय टीम में ये विश्वास रखा गया था कि वह विश्व विजेता बन सकती हैं। इस विश्वास को महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली ने बनाए रखा। First Updated : Tuesday, 21 March 2023