Rashid Latif on Champions Trophy 2025: चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के आयोजन पर भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है. पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर राशिद लतीफ ने हाल ही में एक बयान दिया है, जो नए विवाद का कारण बन सकता है. उनका कहना है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अपने पक्ष में कोई फैसला लेने से पहले पाकिस्तान को चैंपियंस ट्रॉफी का बहिष्कार (बॉयकॉट) करने पर विचार करना चाहिए. उनका मानना है कि अगर पाकिस्तान इस कदम को उठाता है, तो इससे क्रिकेट जगत में खेल भावना और समानता का संदेश जाएगा.
राशिद लतीफ ने एक इवेंट के दौरान कहा, "पाकिस्तान को चैंपियंस ट्रॉफी को बॉयकॉट करने के बारे में सोचना चाहिए. इससे पहले कि BCCI कोई फैसला ले, पाकिस्तान को यह कदम उठा लेना चाहिए." लतीफ का यह भी मानना है कि चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन ही नहीं होना चाहिए. उनका कहना था कि पाकिस्तान को हमेशा क्रिकेट में 'बलि का बकरा' बना दिया जाता है, चाहे वह क्रिकेट हो या अन्य अंतरराष्ट्रीय मुद्दे.
लतीफ ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को हमेशा ही क्रिकेट और अन्य मामलों में बलि का बकरा बना दिया जाता है. उनका उदाहरण अफगान युद्ध और पाकिस्तान के ICC के साथ संबंधों से जोड़ते हुए कहा कि पाकिस्तान हमेशा उस दबाव में होता है जहां BCCI के खिलाफ बोलने की कोई कोशिश नहीं कर सकता. वह कहते हैं, "हमेशा पाकिस्तान को आगे करके खेलने को मजबूर किया जाता है, जबकि हमें कभी समान सम्मान नहीं मिलता."
चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन के मुद्दे पर पाकिस्तान ने पहले हाइब्रिड मॉडल को अपनाने की बात की थी. इस मॉडल के तहत, पाकिस्तान ने शर्त रखी थी कि अगले तीन सालों में भारत में होने वाले ICC इवेंट्स में भी हाइब्रिड मॉडल लागू किया जाए. पाकिस्तान का मानना है कि इससे पाकिस्तान को सुरक्षा और आयोजन के बारे में सुनिश्चितता मिलेगी. हालांकि, ICC की कई मीटिंग्स स्थगित हो चुकी हैं और अब तक इस मुद्दे पर कोई ठोस फैसला नहीं आया है.
भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट और राजनीति को लेकर लंबे समय से तनाव रहा है. दोनों देशों के बीच रिश्तों का असर क्रिकेट पर भी पड़ता है. चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के आयोजन पर पाकिस्तान का यह बयान इस तनाव को और बढ़ा सकता है. अगर पाकिस्तान चैंपियंस ट्रॉफी का बहिष्कार करता है, तो यह दोनों देशों के बीच और जटिलता पैदा कर सकता है.
अब यह देखना होगा कि BCCI और ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के आयोजन पर क्या फैसला लेते हैं. पाकिस्तान का विरोध और हाइब्रिड मॉडल की शर्तें इस मुद्दे को और उलझा सकती हैं. आने वाले समय में इस मामले पर और भी बयान और चर्चा हो सकती है, लेकिन फिलहाल यह साफ है कि चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन पर दोनों देशों के बीच सहमति बनाना आसान नहीं होगा. First Updated : Wednesday, 11 December 2024