Ashes Ball Controversy: एशेज से जुड़ा एक नया विवाद, अब इस्तेमाल किए गए गेंद की होगी जांच, जानें पूरा विवाद
Ashes Ball Controversy: ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेली गई एशेज सीरीज के पांचवें टेस्ट के आखिरी दिन का खेल विवादों से घिरा रहा. अब गेंद बदलने का मामला जोर पकड़ता जा रहा है.
Ashes 2023, Ashes Ball Controversy: ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेली गई एशेज सीरीज के पांचवें टेस्ट के आखिरी दिन का खेल विवादों से घिरा रहा. अब गेंद बदलने का मामला जोर पकड़ता जा रहा है. दरअसल ऑस्ट्रेलियाई टीम और रिकी पोंटिंग का कहना है कि इंग्लैंड ने गेंद बदली, जिसके बाद गेंदबाजों को स्विंग मिलने लगी. वहीं अब ड्यूक गेंद (कंपनी) के मालिक दिलीप जजोडिया ने पूरे मामले पर जांच करने की बात कही है. दिलीप जजोडिया ने कहा कि इस विवाद से हमारी इमेज पर बुरा असर पड़ रहा है. हम अपने स्तर पर इस पूरे मामले की जांच करेंगे.
क्या है गेंद बदलने का पूरा माजरा -
बता दें कि इस पूरे मामले पर ICC (अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) अपनी सफाई दे चुका है. ICC ने अपनी सफाई में कहा कि गेंद को नियमों के अंतर्गत ही बदला गया था, उसमें कुछ भी गलत नहीं था. दरअसल पांचवें अंतिम टेस्ट के आखिरी दिन 35वें ओवर में मार्क वुड की एक गेंद सीधा उस्मान ख्वाजा के हेलमेट पर लगी. जिसके बाद इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने अंपायर से गेंद बदलने की मांग की.
ICC नियम के अनुसार अगर खेल के बीच में गेंद बदली जाती है तो वैसी ही गेंद होनी चाहिए, जैसी पुरानी थी. लेकिन क्या ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड टेस्ट में ये नियम के खिलाफ हुआ? बहरहाल गेंद बदलने के बाद जो नई गेंद मिली उसमें चमक ज्यादा नजर आ रही थी, साथ ही इंग्लैंड के गेंदबाजों को अचानक स्विंग भी मिलने लगी.
रिकी पोंटिंग और उस्मान ख्वाजा ने उठाए सवाल -
गौरतलब हो कि इस मुकाबले में कमेन्ट्री कर रहे पूर्व कंगारू कप्तान रिकी पोंटिंग ने इस पर सवाल किए. इसके अलावा कंगारू बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा अंपायर के पास गए. उस्मान ख्वाजा ने कहा कि मैं अंपायर के पास गया और कहा कि वह गेंद उस गेंद जैसी नहीं नजर आ रही, जिस गेंद से हम खेल रहे थे. साथ ही नई गेंद पर कुछ लिखा हुआ था.
बहरहाल पूर्व कंगारू कप्तान रिकी पोंटिंग की मांग पर ड्यूक गेंद के मालिक दिलीप जजोदिया ने मामले की जांच शुरू कर दी है. वहीं मालिक दिलीप जजोदिया कहते हैं कि "विशेष सीजन के लिए हम जो भी गेंद बनाते हैं, उस पर तारीख की मोहर लगी होती है. उस गेंद पर 2023 अंकित होना चाहिए. इन गेंदों को ECB या ICC नियंत्रित नहीं करता है, इसे नियंत्रित करना ग्राउंड अथॉरिटी का काम है."