बजरंग पूनिया का कुश्ती करियर खत्म! 4 साल का लगा बैन, अब वापसी करना मुश्किल
Bajrang Punia Ban: भारतीय स्टार पहलवान बजरंग पूनिया पर नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) ने 4 साल का बैन लगा दिया है. खेल जगत में उनके बैन की खबर ने हलचल मचा दी है. कहा जा रहा है कि इस बैन से उनके कुश्ती करियर का अंत हो सकता है. फिलहाल वो किसी भी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले पाएंगे.
NADA Ban Bajrang Punia For 4 Year: भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया को नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी ने बड़ा झटका दिया है. एजेंसी ने उनपर 4 साल का बैन लगा दिया है. यह प्रतिबंध डोपिंग कोड के उल्लंघन के कारण लगाया गया है. बजरंग के लिए यह बड़ा झटका है, क्योंकि वह अब किसी भी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले पाएंगे.
यह फैसला उनके करियर के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. NADA ने जांच के बाद बजरंग को दोषी पाया, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई. इस बैन ने भारतीय खेल जगत में हलचल मचा दी है.
क्यों लगा बैन?
NADA ने बजरंग पर बैन इसलिए लगाया है क्योंकि उन्होंने 10 मार्च 2023 को नेशनल टीम के चयन ट्रायल के दौरान डोप टेस्ट के लिए अपना नमूना देने से इनकार कर दिया था. डोपिंग अनुशासनात्मक पैनल ने इसे भारतीय डोपिंग नियमों के अनुच्छेद 10.3.1 का उल्लंघन माना और 4 साल का बैन लगा दिया. यह बैन 23 अप्रैल 2024 से लागू होगा.
पहले भी हुए थे सस्पेंड
यह पहली बार नहीं है जब बजरंग पूनिया पर NADA ने कार्रवाई की हो. अप्रैल 2023 में भी उन्हें सस्पेंड किया गया था, लेकिन उन्होंने उस फैसले को चुनौती दी थी. इसके बाद अनुशासनात्मक पैनल ने सस्पेंशन को रद्द कर दिया था. हालांकि, इस बार बैन के बाद उनका वापसी करना मुश्किल माना जा रहा है.
बजरंग की दलील
बजरंग ने कहा है कि उन्होंने कभी भी नमूना देने से इनकार नहीं किया. उनका कहना है कि वह NADA से केवल यह जानना चाहते थे कि उनके टेस्ट किट क्यों एक्सपायर थीं और NADA ने ईमेल का जवाब क्यों नहीं दिया.
क्या बैन के बाद करियर खत्म?
राजनीति में एंट्री के बाद ही बजरंग के खेल करियर पर सवाल उठने लगे थे. अब इतने लंबे बैन के बाद उनका वापस आना लगभग असंभव माना जा रहा है. बैन के कारण वह न केवल खेल से दूर रहेंगे, बल्कि विदेश में कोचिंग की नौकरी के लिए भी आवेदन नहीं कर पाएंगे. बैन को लेकर बजरंग पूनिया का कहना है कि वह चुनौती देंगे. अगर वह NADA के फैसले को पलटने में सफल नहीं होते हैं, तो यह उनके कुश्ती करियर का अंत हो सकता है.