ऑस्ट्रेलिया में हार के बाद एक्शन में BCCI, पूरे दौरे पर साथ नहीं रह सकेंगी क्रिकेटरों की वाइफ, बनाए ये नियम
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज हारने के बाद BCCI नए और सख्त नियम लेकर आने वाला है. वहीं नए नियमों के तहत पूरे टूर्नामेंट के दौरान पत्नियां खिलाड़ियों के साथ नहीं रह सकतीं हैं. परिवार सिर्फ 2 सप्ताह तक साथ रह सकता है.
ऑस्ट्रेलिया से हार के बाद बीसीसीआई एक्शन मोड में है. पिछले हफ्ते हुई रिव्यू मीटिंग के बाद बीसीसीआई ने क्रिकेटरों और उनकी फैमिली को लेकर बड़ा फैसला किया है. BCCI ऑस्ट्रेलिया में निराशाजनक परिणाम के बाद खिलाड़ियों के लिए नए दिशानिर्देश लागू करने के लिए तैयार है. नए दिशानिर्देशों के अनुसार, क्रिकेटरों की वाइफ अब पूरे दौरे के लिए साथ नहीं रह पाएंगी. एक क्रिकेटर के परिवार को 45-दिवसीय दौरे के दौरान अधिकतम दो सप्ताह तक रहने की अनुमति दी जाएगी. साथ ही, प्रत्येक खिलाड़ी को टीम बस से यात्रा करनी होगी. अलग से यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी. बता दें कि रिव्यू मीटिंग में सलेक्शन टीम के चेयरमैन अजीत अगरकर, कप्तान रोहित और मुख्य कोच गौतम गंभीर शामिल हुए थे.
बीसीसीआई ने बनाई नई गाइडलाइन
रिपोर्ट के अनुसार टीम के प्रदर्शन के सुधार के लिए बीसीसीआई ने नई गाइडलाइन बनाई है जिसके तहत अब 45 दिन के विदेशी दौरे में अधिकतम दो सप्ताह तक ही किसी क्रिकेटर का परिवार साथ रह सकता है. इसके अलावा सभी खिलाड़ी एक ही टीम बस से यात्रा करेंगे, अलग से नहीं यात्रा करने की किसी को भी सुवीधा नहीं दी जाएगी. सहयोगी स्टाफ का भी कार्यकाल अधिकतम तीन साल तय किया जाएगा. वहीं गौतम गंभीर के निजी मैनेजर को भी VIP बॉक्स या टीम बस में बैठने की इजाजत नहीं होगी. उन्हें किसी दूसरे होटल में रहना होगा. अगर खिलाड़ियों का सामान 150 किलो से ज्यादा है तो BCCI खिलाड़ियों को दिए जाने वाले अतिरिक्त सामान शुल्क का भुगतान नहीं करेगा.
बीसीसीआई की मीटिंग में खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट खेलने के निर्देश भी दिए गए हैं. ऐसे में अब सभी खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी मैच में भी खेलते हुए नजर आ सकते हैं. दूसरी ओर भारतीय टीम अब 22 जनवरी से इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैचों की टी-20 सीरीज खेलने वाली है. भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ 5 टी-20 और 3 वनडे मैचों की सीरीज खेलने वाली है. इसके बाद टीम इंडिया चैंपियंस ट्रॉफी खेलने वाली है.
आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में खराब प्रदर्शन के बाद भारतीय टीम इंग्लैंड से पहले टी20 और फिर वनडे सीरीज खेलेगी. उसके बाद फरवरी माह में उसे चैम्पियंस ट्रॉफी में हिस्सा लेना है.
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारत का रहा बुरा हाल
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल ही में संपन्न पांच मैचों की बॉर्डर गावस्कर टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया को 1-3 से शर्मनाक हार झेलनी पड़ी. इस वजह से भारतीय टीम वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के लिए भी क्वालिफाई नहीं कर पाई थी. यही वजह थी कि भारतीय टीम पहली बार वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के तीन सीजन में में पहली बार डब्ल्यूटीसी फाइनल के लिए क्वालिफाई करने में विफल रहा था.
रोहित शर्मा की अगुआई वाली भारतीय टीम ने एक दशक बाद बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT) में ऑस्ट्रेलिया के सामने सरेंडर कर दिया. इससे पहले टीम इंडिया को न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर 0-3 से हार का सामना करना पड़ा था. इन दो झटकों के कारण ही भारत वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल खेलने से चूक गया.
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में दिखी टीम की कमजोरियां
हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ BGT में 3-1 से मिली हार में एक चीज तो साफ तौर पर नजर आई कि भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी 'रेड बॉल' के आगे कमजोर पड़ जाते हैं. शॉट सेलेक्शन लापरवाही बरती गई, नतीजतन ऋषभ पंत बार-बार जोखिम भरे स्ट्रोक खेलकर आउट हो रहे थे. बल्लेबाज बार-बार एक ही गलती कर रहे थे. कोहली ऑफ-स्टंप के बाहर की गेंदों को नहीं खेल पा रहे थे. गेंदबाज लंबे स्पैल फेंकने के लिए तैयार नहीं थे.सिराज अक्सर लय खो रहे थे और हर्षित राणा तेजी बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे थे.