भारत की WTC दौड़ पर पुणे टेस्ट का बड़ा असर, क्या फाइनल की उम्मीदें बची हैं?
भारतीय क्रिकेट टीम को पुणे टेस्ट में न्यूजीलैंड के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा, जिससे उसकी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) की अंक तालिका में स्थिति बिगड़ गई है. इस हार के बाद भारत के अंक प्रतिशत में कमी आई है, लेकिन टीम अब भी टॉप पर है. आगे के मैचों में उसे बेहतर प्रदर्शन की जरूरत है ताकि फाइनल की रेस में बनी रहे. जानें इस हार का असर और आगे की चुनौती क्या है!
Big Impact Of Pune Test On India: हाल ही में भारत और न्यूजीलैंड के बीच पुणे में खेले गए टेस्ट मैच में भारत को 113 रनों से हार का सामना करना पड़ा. इस हार ने भारतीय टीम की वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) की अंक तालिका में स्थिति को प्रभावित किया है. अब सवाल ये है कि क्या इस हार के बाद भारतीय टीम फाइनल की दौड़ से बाहर हो गई है? चलिए, जानते हैं पूरी कहानी.
पुणे टेस्ट से पहले भारत के पास 68.06 प्रतिशत अंक थे, जो अब घटकर 62.82 प्रतिशत रह गए हैं. इस हार के साथ भारत ने टेस्ट सीरीज भी गंवा दी है और न्यूजीलैंड ने पहली बार भारतीय धरती पर टेस्ट सीरीज जीतकर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है.
हालांकि, भारत अब भी टेबल में पहले स्थान पर है, लेकिन उसके लिए आगे का रास्ता आसान नहीं होगा. WTC में अभी भारतीय टीम को 5 मैच और खेलने हैं, जिसमें से कम से कम 3 मैच जीतने होंगे. अगर भारत 4 मैच जीतता है, तो उसकी फाइनल में जगह पक्की हो जाएगी. लेकिन अगर 3 मैच जीतता है तो उसे अन्य टीमों के नतीजों पर निर्भर रहना पड़ेगा.
आगे का कार्यक्रम
भारत को अपने अगले मैच न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलने हैं. मौजूदा सीरीज का आखिरी टेस्ट न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला जाएगा जबकि ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज होगी.
New Zealand stir up the race to the #WTC25 Final with a historic win over India in Pune 👀 #INDvNZ | Read on 👇https://t.co/0QYbooJJlB
— ICC (@ICC) October 26, 2024
WTC अंक प्रणाली
WTC में टीमों को अंक जीतने पर 12 अंक, ड्रॉ पर 4 अंक और टाई पर 6 अंक मिलते हैं. भारत ने अब तक 13 मैच खेले हैं, जिसमें 8 जीत, 4 हार और 1 ड्रॉ शामिल है. उसकी कुल अंक 98 हैं. दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया दूसरे स्थान पर है, जिसके पास 90 अंक हैं.
क्या है भारतीय टीम की स्थिति?
इस हार के बावजूद, भारतीय टीम WTC की फाइनल रेस से बाहर नहीं हुई है. लेकिन इसके लिए उसे अगले मैचों में शानदार प्रदर्शन करना होगा.
WTC के इस चक्र का अंतिम चरण 2025 में होगा और इस बार नियमों में बदलाव किए गए हैं. स्लोओवर रेट के चलते टीमों के अंकों में कमी भी हो सकती है.
भारत को अपनी ताकत और अनुभव पर भरोसा रखना होगा और अपनी असली क्षमता के साथ खेलना होगा. अगर वह ऐसा कर पाता है, तो फाइनल की राह फिर से खुल सकती है.
इस प्रकार, भारतीय टीम के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण समय है लेकिन खेल में कुछ भी संभव है. हर मैच एक नया मौका है और हमें उम्मीद है कि भारत अपने अगले मुकाबलों में बेहतर प्रदर्शन करेगा.