खतरनाक तूफान में फंसी टीम इंडिया! खिलाड़ी बारबाडोस के होटल में है बंद
T20 World Cup: तूफान बेरिल के कारण टी20 विश्व कप जीत के बाद भारत के बारबाडोस में फंसने की संभावना है. इससे भारतीय टीम के देश लौटने में देरी होगी. भारत में हर कोई टीम इंडिया के स्वागत के लिए इंतजार में है. जैसे ही टीम की वतन वापसी होगी वैसे ही यहां पर जश्न मनाया जाएगा. लेकिन बारबाडोस में तूफान के हालात बन गए हैं, जिसकी वजह से टीम अपने होटल में ही बंद है. देखना ये होगा कि टीम इंडिया कब वापस आती है.
T20 World Cup: शनिवार 29 जून को टी20 विश्व कप 2024 की जीत के बाद भारतीय टीम के द्वीप राष्ट्र बारबाडोस में फंसे होने की संभावना है. संभावना है कि बारबाडोस में तूफान बेरिल सोमवार तक पहुंच सकता है. भारतीय टीम इस समय द्वीप पर अपने होटल में है और अपनी सिक्योरिटी को देखते हुए उन्होंने वहीं पर रुकने का फैसला लिया है. इंडिया टुडे के विक्रांत गुप्ता ने भारतीय मानक समय के अनुसार रविवार देर शाम अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इसकी जानकारी दी.
बेरिल 2024 अटलांटिक सीज़न का पहला तूफान है. रविवार की सुबह बारबाडोस की ओर मुड़ते ही तूफान "बहुत खतरनाक" श्रेणी 3 के तूफान में बदल गया. मौसम विबाग के मुताबिक, चक्रवात आने वाले दिनों में अपने रास्ते में भारी तबाही लाने वाला है.
टीम इंडिया होटल में ही बंद
इंडियाटुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, "तूफान बेरिल आज रात या सोमवार सुबह बारबाडोस से टकराएगा. भूस्खलन होनेकी भी खतरा है, इसके चलते बारबाडोस हवाईअड्डा बंद भी बंद किया गया है, और उड़ानें रद्द की जा रही हैं. यहां तक कि भारतीय टीम भी तूफान के कम होने और हवाईअड्डे के फिर से शुरू होने तक यहीं रुकी रहेगी. सभी बाहर जाने वाली उड़ानें रद्द की जा रही हैं.''
खतरनाक होगा तूफान
सीएनएन ने नेशनल हरिकेन सेंटर के हवाले से कहा कि बेरिल रविवार देर रात या सोमवार तड़के विंडवार्ड द्वीप समूह तक पहुंचने पर "बेहद खतरनाक" श्रेणी 4 तूफान होने की उम्मीद है. सीज़न के पहले तूफान का शुरुआती समय असामान्य है. जब उन्होंने ये लिखा था तब बेरिल बारबाडोस से 400 किलोमीटर से ज्यादा कि दूरी पर था, और हवा की गति 200 किलोमीटर प्रति घंटे के करीब थी.
मौसम केंद्र ने कहा, "बेरिल का केंद्र सोमवार सुबह विंडवार्ड द्वीप समूह के पार और सोमवार देर रात से बुधवार तक दक्षिणपूर्वी और मध्य कैरेबियन सागर के पार जाने की उम्मीद है" आगे कहा गया कि, "जीवन-घातक तूफ़ान बढ़ने से तटवर्ती प्रवाह वाले क्षेत्रों में पानी का स्तर सामान्य ज्वार के स्तर से 6 से 9 फीट ऊपर बढ़ जाएगा, जहां तूफान चेतावनी क्षेत्र में भूस्खलन होता है."