History of Ashes: कैसे पड़ा सीरीज का नाम एशेज; जिसमें Ind Vs Pak की तरह लड़ते हैं ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड?
History of Ashes: टेस्ट क्रिकेट की सबसे पुरानी सीरीज एशेज के पीछे कई दिलचस्प बातें हैं. इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जाने वाली इस सीरीज का फिर आयोजन 16 जून से होने जा रहे हैं. इस मौके पर जानिए सीरीज से जुड़ी दिलचस्प बातें.
हाइलाइट
- एशेज सीरीज की शुरुआत?
- कैसे पड़ा एशेज नाम?
- 34 बार जीती ऑस्ट्रेलिया तो 32 बार इंग्लैंड
History Of Ashes Series: क्रिकेट के मैदान पर अगर सबसे बड़ी राइवलरी की बात करें तो सभी के ज़हन में भारत और पाकिस्तान (Ind Vs Pak) महामुकाबला आएगा लेकिन इसके अलावा एक और सीरीज है जो बिल्कुल भारत और पाकिस्तान के मैच की तरह ही है. वो एशेज सीरीज, जो ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के दरमियान खेली जाती है. 16 जून 2023 से शुरू होने जा रही यह सीरीज इंग्लैंड में खेली जाएगी. इस खबर में हम आपको बताएंगे कि आखिर दोनों देशों के बीच यह सीरीज क्यों इतनी अहम है? इस सीरीज का क्या इतिहास है और कैसे इस सीरीज का नाम एशेज पड़ा?
एशेज सीरीज की शुरुआत:
कैसे पड़ा एशेज नाम (Ashes History):
इंग्लैंड को मिली हार को वहां की मीडिया ने इंग्लिश क्रिकेट का मौत तक करार दिया था. एक जानकारी के मुताबिक मशहूर अखबार ने इंग्लैंड की हार पर के बारे में लिखा,"इंग्लिश क्रिकेट की द ओवल स्टेडियम में मौत हो गई. लाश का अंतिम संस्कार करने के बाद राख यानी एशेज (Ashes) को ऑस्ट्रेलिया लेकर जाया जाएगा." दरअसल अपने घर में मिली हार के बाद इंग्लैंड क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया का दौर किया था. दौरे पर जाने से पहले इंग्लैंट टीम का नेतृत्व कर रहे इवो ब्लिंग ने मीडिया से कहा था कि वो ऑस्ट्रेलिया से एशेज (राख) लेने जा रहे हैं और हुआ भी कुछ ऐसा ही. इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से हराया था. बस यहीं से इस सीरीज का नाम एशेज (Ashes) पड़ गया है.
34 बार जीती ऑस्ट्रेलिया:
इस सीरीज में दोनों टीमों के जीत फीसद की बात करें तो फिलहाल ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा भारी है. अब तक दोनों टीमें 72 बार यह सीरीज खेल चुकी हैं. जिसमें 34 बार ऑस्ट्रेलिया ने जीत दर्ज की. वहीं इंग्लैंड ने 32 बार इस सीरीज पर कब्जा किया और 6 बार सीरीज ड्रॉ रही है.