Duleep Singh Birthday Special: गुजरात के कठियावाड़ में आज से 118 साल पहले भारत के पूर्व क्रिकेटर दिलीप सिंह का जन्म हुआ था। भारतीय सरजमीं में जन्में दिलीप सिंह ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट इंग्लैंड के लिए खेला, वो भी सिर्फ 12 टेस्ट मैच, लेकिन उनका क्रिकेट में इतना बड़ा कद रहा कि आज भी उनकी याद में दिलीप ट्रॉफी का आयोजन भारत में किया जाता है।
आपको बता दें कि दिलीप सिंह को बचपन से ही क्रिकेट से बेहद लगाव था और वह कॉलेज के समय से ही क्रिकेट खेला करते थे। पूर्व क्रिकेटर का पूरा परिवार भी क्रिकेट से जुड़ा हुआ था। ऐसे में उनके जन्मदिन के खास अवसर पर जानते हैं उनके करियर से जुड़ी कुछ रोचक बातें।
दरअसल राजघराने की परंपरा के मुताबिक, दिलीप सिंह को पढ़ाई के लिए इंग्लैंड भेजा गया था। वहां उन्होंने अपनी पढ़ाई के साथ-साथ क्रिकेट में भी रुचि दिखाई। साल 1922 में उन्होंने इंग्लैंड की स्कूल क्रिकेट में 50 विकेट अपने नाम किए थे, लेकिन बाद में उन्होंने गेंदबाजी छोड़कर बल्लेबाजी में हाथ आजमाने का फैसला किया। आपको बताते चलें कि दिलीप सिंह का टेस्ट क्रिकेट भले ही अधिक लंबा नहीं रहा, लेकिन उनकी गिनती इंग्लैंड के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में होती है।
इंग्लैंड टीम के लिए दिलीप सिंह ने कुल 12 टेस्ट मुकाबले खेलते हुए 995 रन बनाए। दिलीप सिंह ने लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ 173 रनों की विस्फोटक पारी खेली थी। इस मुकाबले में कंगारू टीम ने डॉन ब्रैडमैन के दोहरे शतक की बदौलत जीत हासिल की थी, लेकिन दिलीप सिंह की ये पारी आज भी याद की जाती है।
दिलीप सिंह ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट (फर्स्ट क्लास क्रिकेट) में कुल 205 मैच खेले और एक तिहरा शतक भी उनके नाम है। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में दिलीप सिंह ने कुल 15485 रन बनाए। ससेक्स टीम के लिए 7 मई 1930 को नॉर्थंप्टनशायर के खिलाफ 333 रनों की तूफानी पारी खेलकर क्रिकेट जगत में जमकर वाहवाही लूटी थी।
आपको बता दें कि भारत में दिलीप सिंह के नाम पर क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया जाता है। पहली बार साल 1961 में दिलीप ट्रॉफी क्रिकेट टूर्नामेंट की शुरुआत हुई थी। ये टूर्नामेंट घरेलू क्रिकेट का बेहद अहम टूर्नामेंट माना जाता है।
सिंह खराब स्वास्थ्य के चलते दो साल तक ही टेस्ट क्रिकेट खेल सके। साल 1931 में दिलीप सिंह ने इंग्लैंड के लिए आखिरी टेस्ट मैच खेला था। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिलीप सिंह को जैसे ही क्रिकेट का बढ़ावा मिलने लगा तो वह भारत वापस लौट आए और दिलीप सिंह ने साल 1949 में भारतीय विदेश सेवा के रूप में काम किया। ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में दिलीप सिंह भारत के हाई कमिश्नर रहे। First Updated : Tuesday, 13 June 2023