MI vs SRH मैच में विवादास्पद नो-बॉल का मामला बना चर्चा का विषय, आउट होने पर कैसे खेले रयान रिकेल्टन?
सनराइजर्स हैदराबाद को 17 अप्रैल को वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए आईपीएल 2025 के अपने पांचवें मुकाबले में मुंबई इंडियंस के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा. हालांकि मुकाबले से ज्यादा सुर्खियों में रही विकेटकीपर हेनरिक क्लासेन की एक चूक, जिसने टीम को रयान रिकेल्टन का अहम विकेट गंवाने पर मजबूर कर दिया. इस गलती की वजह से न केवल SRH को बड़ा ब्रेकथ्रू नहीं मिला, बल्कि मैच की दिशा भी बदलती नजर आई.

आईपीएल 2025 के 33वें मुकाबले में मुंबई इंडियंस ने सनराइजर्स हैदराबाद को चार विकेट से मात दी. यह मैच एकतरफा रहा, लेकिन इसकी सबसे ज्यादा चर्चा एक अनोखी और विवादास्पद घटना को लेकर हुई, जो मुंबई की पारी के सातवें ओवर में सामने आई.
तीसरे अंपायर ने हस्तक्षेप करते हुए फैसला पलटा
मुंबई इंडियंस के बल्लेबाज़ रयान रिकेल्टन को जीशान अंसारी की गेंद पर कवर में खड़े पैट कमिंस ने शानदार कैच के जरिए आउट किया. रिकेल्टन पवेलियन की ओर लौट रहे थे. बाउंड्री लाइन के पास चौथे अंपायर ने उन्हें रोक लिया. इसके बाद तीसरे अंपायर ने हस्तक्षेप करते हुए फैसला पलट दिया.
If the keeper's gloves come in front of the stumps, it should be a dead ball and a warning to the keeper so that he doesn't do that again !!! Not a no ball and a free hit!! What did the bowler do🙄🙄
— Varun Chakaravarthy🇮🇳 (@chakaravarthy29) April 17, 2025
Thinking out loud!! What do u all think???
आउट होने में कोई तकनीकी खामी नहीं
असल में, आउट होने में कोई तकनीकी खामी नहीं थी. न कैच में कोई त्रुटि थी और न ही गेंदबाज़ ने फ्रंट फुट नो-बॉल की. लेकिन मामला विकेटकीपर हेनरिक क्लासेन के दस्तानों से जुड़ा था. रीप्ले में साफ देखा गया कि क्लासेन के ग्लव्स गेंद फेंके जाने से पहले स्टंप के आगे थे, जो नियमों के अनुसार गलत है. एमसीसी के नियम 27.3 के तहत, विकेटकीपर को गेंद के खेल में आने से पहले पूरी तरह से स्टंप्स के पीछे रहना चाहिए. ऐसे में इसे नो-बॉल करार दिया गया और बल्लेबाज़ को जीवनदान मिला.
सोशल मीडिया पर बहस
रिकेल्टन ने इस मौके का फायदा उठाते हुए अगली कुछ गेंदों में तेज़ रन बटोरे और कुल 31 रन बनाए. हालांकि उनका योगदान निर्णायक नहीं रहा, लेकिन इस घटना ने सोशल मीडिया पर काफी बहस छेड़ दी. केकेआर के स्पिनर वरुण चक्रवर्ती ने इस फैसले पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि इसे नो-बॉल की बजाय डेड बॉल माना जाना चाहिए था. उन्होंने सवाल उठाया कि जब गेंदबाज़ ने कोई गलती नहीं की, तो नो-बॉल और फ्री हिट क्यों? यह घटना एक बार फिर अंपायरिंग के नियमों और उनके क्रियान्वयन पर बहस का विषय बन गई है.


