Ind vs Aus: अब रोहित शर्मा का क्रिकेट से सन्यास पक्का? मेलबर्न टेस्ट की दूसरी पारी में भी नहीं चला हिटमैन का बल्ला
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा का टेस्ट करियर खतरे में पड़ता दिख रहा है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चल रही टेस्ट सीरीज में उनका प्रदर्शन बेहद खराब रहा है.
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 का चौथा टेस्ट मैच मेलबर्न में खेला जा रहा है, जिसमें भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने मेलबर्न टेस्ट को मिलाकर तीन टेस्ट मैच खेले हैं. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में रोहित का बल्ला अब तक खामोश रहा है. इसके साथ ही उनकी कप्तानी में रणनीति भी फेल होती रही है, जिसके बाद रोहित के गिरते टेस्ट करियर ग्राफ को देखकर कई लोग उनके संन्यास की चर्चा करने लगे हैं.
शानदार शुरुआत, लेकिन तेज गिरावट
2024 की शुरुआत में रोहित शर्मा ने इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की घरेलू सीरीज में 455 रन बनाए, जिसमें दो शतक शामिल थे. उस समय ऐसा लग रहा था कि वह रेड बॉल क्रिकेट में अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखेंगे. लेकिन बांग्लादेश और न्यूजीलैंड के खिलाफ उनके फॉर्म में भारी गिरावट देखी गई.
रोहित बांग्लादेश के खिलाफ दो टेस्ट मैचों में सिर्फ 42 रन बना पाए, जबकि न्यूजीलैंड के खिलाफ छह पारियों में उन्होंने सिर्फ 80 रन बनाए. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर, जहां उनसे काफी उम्मीदें थीं, वे अपने सबसे खराब फॉर्म से गुजरे. रोहित शर्मा ने ऑस्ट्रेलिया में अब तक खेली गई 5 पारियों में सिर्फ 31 रन बनाए हैं.
क्या रोहित शर्मा टेस्ट से लेंगे संन्यास?
सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि क्या मेलबर्न टेस्ट, रोहित शर्मा का आखिरी होने वाला है? क्या रोहित शर्मा सिडनी में होने वाला अगला टेस्ट नहीं खेलेंगे? ये वो सवाल हैं जिनके जवाब मेलबर्न टेस्ट के नतीजे में छिपे हैं. भारत अगर मेलबर्न टेस्ट जीतता है तो हो सकता है कि रोहित, सिडनी में भी कप्तानी करते दिखें. लेकिन, अगर हारा तो खबरें ऐसी चल रही हैं कि सिडनी टेस्ट में कप्तानी की बागडोर बुमराह को सौंपी जा सकती है. बीते दिनों एक रिपोर्ट भी थी कि चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर ऑस्ट्रेलिया में मौजूद ही इसी वजह से हैं कि वो रोहित शर्मा के टेस्ट करियर पर फैसला ले सकें.
मौजूदा BGT में 6.20 का औसत
टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजी में रोहित शर्मा की विफलता का खेल इसी से समझा जा सकता है कि उन्होंने जितने रन नहीं मौजूदा बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में बनाए हैं. करीब-करीब उतने विकेट जसप्रीत बुमराह ने अपने नाम कर लिए हैं. रोहित शर्मा ने 3 टेस्ट की 5 पारियों में 6.20 की औसत से सिर्फ 31 रन बनाए हैं. जबकि. बुमराह ने 30 विकेट लिए हैं. साफ है कि बुमराह के लिए विकेटों से सिर्फ एक ज्यादा है रोहित के रनों की संख्या. खैर, ये तो हुई पहली वजह, जिसके चलते रोहित शर्मा के टेस्ट करियर पर तलवार लटकी है.
एक या दो नहीं, पिछली 15 पारियों की रामकहानी एक जैसी
दूसरी वजह, रोहित को संन्यास की ओर धकेलने की ये है कि सवाल सिर्फ मौजूदा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ही रोहित की असफलता का नहीं है. बल्कि उन्होंने पहले भी ऐसे ही नाकामियों का दौर देखा है. रोहित शर्मा की अगर पिछली 15 टेस्ट पारियों की बात करें तो उन्होंने वहां भी कुछ खास परफॉर्म नहीं किया. रोहित ने पिछली 15 टेस्ट पारियों में 10.93 की औसत से केवल 164 रन बनाए हैं, जिसमें उनका बेस्ट स्कोर 23 रन का रहा है. मतलब शतक तो दूर की बात है अर्धशतक भी भारतीय कप्तान से नहीं लग रहा.
बल्लेबाजी फेल, कप्तानी भी डिरेल
रोहित शर्मा की बल्लेबाजी तो फेल है ही. कप्तानी में भी हाथ उतने ही तंग है. पर्थ में भारत ने पहला टेस्ट जीता क्योंकि कमान जसप्रीत बुमराह के हाथ में थी. लेकिन, जैसे ही एडिलेड में रोहित में कप्तानी की बागडोर संभाली, टीम को हार का सामना करना पड़ा. ब्रिसबेन में खेला तीसरा टेस्ट ड्रॉ हुआ, जिसमें बारिश की बड़ी मेहरबानी रही. इतना ही नहीं, इससे पहले घर में न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में भी रोहित की कप्तानी सवालों के घेरे में रही थी, जब भारत को क्लीन स्वीप का शिकार होना पड़ा था.