Ind-Pak Match: जब क्रिकेट के बड़े मुकाबले राजनीति की खींचतान में फंस जाएं, तो 2025 चैंपियंस ट्रॉफी का क्या होगा

भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मुकाबला हमेशा धमाल मचाता है, लेकिन 2025 की ICC चैंपियंस ट्रॉफी को लेकर संकट खड़ा हो गया है. भारत ने पाकिस्तान में टूर्नामेंट खेलने से मना कर दिया, जबकि पाकिस्तान खुद इसे अपने यहां आयोजित करना चाहता है. ICC एक हाइब्रिड मॉडल पर विचार कर रहा है, लेकिन क्या यह समझौता होगा जानें, इस विवाद का क्या असर पड़ेगा और ICC की वित्तीय स्थिति पर इसका क्या असर होगा!

calender

2025 Champions Trophy Dilemma: भारत और पाकिस्तान का क्रिकेट मुकाबला हमेशा से एक जबरदस्त आकर्षण रहा है. दोनों देशों के बीच खेला गया कोई भी मैच वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बन जाता है. इन मैचों का रोमांच सिर्फ क्रिकेट प्रेमियों तक सीमित नहीं रहता, बल्कि ये बड़े मीडिया हाउस और प्रसारकों के लिए भी एक बड़ा राजस्व स्रोत बन जाते हैं.

अब, 2025 में होने वाली ICC चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन को लेकर एक बड़ी समस्या सामने आई है. भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह पाकिस्तान में आयोजित होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी में भाग नहीं लेगा और इसकी वजह है सरकार की नीति. अब सवाल यह उठता है कि इस स्थिति में ICC का क्या होगा, खासकर तब जब भारत-पाकिस्तान जैसे मैचों की अहमियत बहुत अधिक है.

ICC की वित्तीय ताकत

भारत-पाकिस्तान मैचों के बिना ICC के लिए बड़ी चुनौती पैदा हो सकती है. इस वक्त ICC ने 2024-2027 चक्र के लिए प्रसारण अधिकारों से 3.2 बिलियन डॉलर की राशि हासिल की है और इस भारी रकम का एक बड़ा हिस्सा भारत-पाकिस्तान जैसे हाई-प्रोफाइल मैचों पर निर्भर करता है. 2023 में हुए विश्व कप के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच का मुकाबला भारतीय टेलीविजन पर 173 मिलियन दर्शकों तक पहुंचा था और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी 225 मिलियन दर्शकों ने इसे देखा. ऐसे मैचों की अनुपस्थिति ICC के लिए भारी वित्तीय नुकसान का कारण बन सकती है.

पाकिस्तान के लिए भारी नुकसान

अगर पाकिस्तान किसी ICC इवेंट का बहिष्कार करता है, तो उसे गंभीर आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है. अनुमान के मुताबिक, पाकिस्तान को करीब 65 मिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान होगा. यही वजह है कि पाकिस्तान 'हाइब्रिड मॉडल' के लिए सहमत हो सकता है, जो दोनों देशों के बीच एक समझौते का रूप हो सकता है. इस मॉडल के तहत, भारत के मैच पाकिस्तान से बाहर यानी संयुक्त अरब अमीरात में खेले जा सकते हैं, जबकि पाकिस्तान को मेज़बानी का अधिकार मिलेगा. इससे पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) को मेज़बानी और फंडिंग दोनों का फायदा होगा.

क्या होगा ICC का भविष्य?

ICC का पूरा राजस्व वितरण भारत-पाकिस्तान जैसे बड़े मुकाबलों पर निर्भर करता है. यदि इन मैचों की अनुपस्थिति होती है, तो ICC की वित्तीय स्थिति प्रभावित हो सकती है, जिसका असर विश्व क्रिकेट के विकास पर पड़ेगा. ICC का मुख्य उद्देश्य विश्वभर में क्रिकेट का प्रचार-प्रसार करना है, लेकिन अगर बड़े टूर्नामेंट्स से राजस्व नहीं आता है तो इसका असर छोटे देशों की क्रिकेट की स्थिति पर भी पड़ेगा, क्योंकि इन देशों के बोर्ड ICC की मदद से ही अपनी वित्तीय स्थिति को सुधार पाते हैं.

भारत-पाकिस्तान का मुकाबला

भारत-पाकिस्तान का मुकाबला सिर्फ क्रिकेट के प्रेमियों के लिए नहीं, बल्कि ICC और पूरी क्रिकेट दुनिया के लिए एक बड़े आर्थिक इंजन के रूप में काम करता है. इन दोनों देशों के बीच राजनीतिक और खेल संबंधों की अनिश्चितता 2025 चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है. लेकिन यह भी संभावना है कि दोनों देशों के बीच 'हाइब्रिड मॉडल' पर समझौता हो और यह बड़े इवेंट का आयोजन किसी रास्ते पर तय हो सके. इस मुद्दे का हल ICC और दोनों देशों के लिए न सिर्फ क्रिकेट की दुनिया को बल्कि उनके आर्थिक भविष्य को भी प्रभावित करेगा. First Updated : Saturday, 30 November 2024