On This Day: 17 रन पर 5 विकेट गिरे, फिर कपिल देव ने खेली थी 175 रन की ऐतिहासिक पारी, जिसे वर्ल्ड क्रिकेट ने किया था सलाम
On This Day: भारत को पहला विश्व कप दिलाने वाले कप्तान कपिल देव ने आज ही के दिन साल 1983 में जिम्बाब्वे के खिलाफ 175 रन की तूफानी पारी खेली थी। कपिल ने अपनी इस दमदार पारी से क्रिकेट के खेल में भारतीय टीम की एक नई पहचान बनाई थी।
On This Day: 24 वर्षीय युवा खिलाड़ी कपिल देव ने आज ही के दिन भारतीय टीम को क्रिकेट के खेल में अपनी बेहद दमदार पारी से पहचान दिलाई थी। महज 17 रन के स्कोर पर भारत की आधी टीम आउट होकर पवेलियन लौट चुकी थी और एक के बाद एक बल्लेबाज जिम्बाब्वे के गेंदबाजों के सामने बेबस और लाचार नजर आ रहा था।
ऐसे में कपिल देव ने अपने बल्ले से वो कमाल करके दिखाया था, जिसकी तारीफ क्रिकेट जगत में आज तक होती है। वहीं कपिल देव के बल्ले से निकली 175 रन की तूफानी पारी को विश्व क्रिकेट ने सलाम किया था। असल मायनों में कपिल देव की उसी पारी ने भारतीय टीम में विश्व कप जीतने का विश्वास पैदा किया था।
17 रन पर आधी टीम हो गई थी ढेर -
बता दें कि भारतीय टीम ने अपने पांच विकेट महज 17 रन के स्कोर पर गंवा दिए थे। इस मुकाबले में जिम्बाब्वे के गेंदबाज पूरी तरह से हावी थे। भारतीय फैंस के चेहरे मुरझा चुके थे और ड्रेसिंग रूम के अंदर का माहौल भी कुछ ठीक नहीं था। सुनील गावस्कर, मोहिंदर अमरनाथ, श्रीकांत, संदीप पाटिल जैसे बल्लेबाज सस्ते में आउट होकर पवेलियन लौट चुके थे। भारतीय टीम को एक शर्मनाक हार का डर सता रहा था।
कपिल देव ने खेली यादगार पारी -
उस दिन कपिल देव बल्ला थामकर विश्व क्रिकेट में अपनी नई पहचान बनाने के लिए मैदान पर उतरे थे। कपिल देव ने रवि शास्त्री, रोजर बिन्नी और मदन लाल के साथ मिलकर भारतीय टीम की पारी को संभालने का प्रयास किया, लेकिन कोई भी बल्लेबाज कपिल का दूसरे छोर पर टिककर साथ नहीं निभा सका। भारतीय टीम ने 140 रन के स्कोर पर अपने 8 विकेट गंवा दिए थे।
भारत की झोली में आई ऐतिहासिक जीत -
इसके बाद कपिल देव ने विकेटकीपर बल्लेबाज सैयद किरमानी के साथ मिलकर 9वें विकेट के लिए 126 रन की बेहद महत्वपूर्ण साझेदारी निभाई। कपिल देव ने 138 गेंदों का सामना करते हुए 16 चौके और छह छक्कों की मदद से 175 रन की यादगार और ऐतिहासिक पारी खेली, जिसकी बदौलत भारतीय टीम स्कोर बोर्ड पर कुल 266 रन लगाने में कामयाब रही। जिसके जवाब में 266 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी जिम्बाब्वे की पूरी टीम 235 रन पर ढेर हो गई थी।