पाकिस्तान क्रिकेट टीम ने पिछले कुछ सालों से विदेशी कोचों की देखरेख में खेला था. इन विदेशी कोचों का उद्देश्य पाकिस्तान क्रिकेट को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और बेहतर बनाना था, लेकिन टीम के प्रदर्शन में अपेक्षित सुधार नहीं हो पाया. विदेशी कोचिंग स्टाफ के साथ टीम में अस्थिरता और तालमेल की कमी भी महसूस की गई, जिससे PCB ने अपने फैसले पर दोबारा विचार किया.