Paris Paralympics 2024: पेरिस पैरालंपिक धीरे-धीरे अपनी समाप्ती की ओर बढ़ रही है. इस बीच खेल के 10वें दिन पेरिस पैरालंपिक 2024 में एक गजब का ड्रामा देखने को मिला भारत के नवदीप ने 47.32 मीटर थ्रो के साथ विश्व रिकॉर्ड धारक चीन के सुन पेंगजियांग को पछाड़कर रजत पदक जीता था लेकिन फाइनल के दौरान आपत्तिजनक झंडा दिखाने के कारण ईरान के सादेग बेत सयाह को अयोग्य घोषित कर दिया गया और उनका सिल्वर मेडल गोल्ड में बदल गया.
दरअसल, गोल्ड मेडल जीतने की खुशी में ईरान के सादेग बेत सयाह इतने जोश में आ गए कि उन्होंने अपने देश की झंडा दिखाने की जगह अरबी झंडा दिखा दिया था जो इस्लाम धर्म से जुड़ा बताया जा रहा है. सयाह के इसी हरकत की वजह से उन्हें अयोग्य साबित कर कर दिया गया और भारत के नवदीप सिंह को सिल्वर से गोल्ड दिया गया.
ईरान के भाला फेंक एथलीट सादेग बेत सयाह ने F41 वर्ग में देश के लिए गोल्ड मेडल जीता था, लेकिन वे जोश में होश गंवा बैठे और नतीजा ये हुआ कि ईरान के इस एथलीट को मेडल तो क्या कुछ भी नहीं मिला. वह पहले स्थान पर रहकर भी डिक्वालिफाई हो गए. दरअसल सयाह बेत जैसे ही गोल्ड मेडल जीते वह उन्होंने काले रंग की अरबी में लिखे झंडे को निकाला और उसे दिखाने लगे जो खेल के नियम के बिल्कुल खिलाफ है. पैरा एथलेटिक्स में इसकी इजाजत नहीं है कि कोई खिलाड़ी अपने देश के झंडे के अलावा किसी विशेष प्रतीक का झंडा दिखाए. इसी वजह से पैरालंपिक कमेटी को बड़ा कदम उठाना पड़ा और उनसे मेडल छीन लिया गया.
बता दें कि सयाह बेत ने गोल्ड मेडल जीतने के बाद जिस झंडे को दिखाया वह इस्लाम धर्म से जुड़ा बताया जा रहा है. इस्लाम धर्म में यह झंडा शिया मुस्लिम समुदाय का प्रतीक है जो इमाम हुसैन से जुड़ा है. सयाह बेत जीतने के बाद शिया समुदाय को पेरिस पैरालंपिक में प्रदर्शित करने लगे जिसकी वजह से उन्हें गोल्ड मेडिल गवाना पड़ा.
पैरालंपिक वेबसाइट के अनुसार सयाह बेत ने आचार संहिता के नियम 8.1 का उल्लंघन किया. खेल के नियम के अनुसार किसी भी एथलेटिक्स को किसी धर्म की प्रचार या झंडा दिखाने की बिल्कुल इजाजत नहीं है. लेकिन सयाह ने न सिर्फ झंडा दिखाया बल्कि गला काटने का भी इशारा किया.