Paralympics 2024: नितेश ने दिलाया भारत को दूसरा गोल्ड, ग्रेट ब्रिटेन को चटाई धूल

Nitesh Kumar Wins Gold Medal: नितेश ने ग्रेट ब्रिटेन के डेनियल बैथेल को 21-14, 18-21, 23-21 से हराकर गोल्ड पदक अपने नाम किया है. नितेश की इस जीत के साथ ही भारत की झोली में दूसरा गोल्ड आ गया है. इसके अलावा कुल मेडल्स की बात करें तो इस साल अभी तक भारत को 9 मेडल मिल चुके हैं. 

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Nitesh Kumar Wins Gold Medal Badminton Paralympics 2024: पैरालंपिक्स 2024 में भारत को दूसरा गोल्ड मिल गया है. नितेश कुमार ने बैडमिंटन की मेंस सिंगल्स में भारत को गोल्ड जिता दिया है. नितेश ने ग्रेट ब्रिटेन के डेनियल बैथेल को 21-14, 18-21, 23-21 से हराकर गोल्ड पदक अपने नाम किया है. नितेश की इस जीत के साथ ही भारत की झोली में दूसरा गोल्ड आ गया है.

नितेश से पहले निशानेबाज अवनी लेखरा ने भारत को गोल्ड मेडल दिलाया है. इसके अलावा कुल मेडल्स की बात करें तो इस साल अभी तक भारत को 9 मेडल मिल चुके हैं. नितेश पैरालंपिक्स बैडमिंटन में गोल्ड मेडल जीतने वाले तीसरे भारतीय एथलीट बन गए हैं. उनसे पहले टोक्यो पैरालंपिक्स में प्रमोद भगत और कृष्णा नागर ने मेंस सिंगल्स कम्पटीशन में गोल्ड जीता था.

मैच पर नजर डालें तो नितेश कुमार ने पहला और तीसरा सेट अपने नाम किया. हालांकि वो दूसरे सेट में हार ग्रेट ब्रिटेन के डेनियल बैथेल से हार गए थे. पहले सेट में नितेश कुमार 21-14 से जीत हासिल की. वहीं, दूसके सेट में उन्हें 18-21 से हार का सामना करना पड़ा. जबकि इस सेट में नितेश ने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया था. इस सेट में उनके प्रदर्शन अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक वक्त में दोनों खिलाड़ी 16-16 की बराबरी पर थे, लेकिन यहां ये नितेश कुमार पिछड़ गए. वहीं तीसरे सेट में नितेश कुमार ने 23-21 से जीत दर्ज कर गोल्ड मेडल पर कब्जा कर लिया.

नितेश कुमार का पैरा-बैडमिंटन करियर 2016 में शुरू हुआ जब उन्होंने पैरा नेशनल चैंपियनशिप में हिस्सा लेने के लिए हरियाणा टीम में जगह बनाई. उन्होंने 2017 में आयरिश पैरा-बैडमिंटन इंटरनेशनल में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय खिताब जीता और एशियाई पैरा गेम्स और BWF पैरा-बैडमिंटन वर्ल्ड सर्किट समेत अलग-अलग अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में कई खिताब और मेडल जीते,

नितेश कुमार की जिंदगी में 2009 में एक परेशानी भरा मोड़ आया जब दुर्घटना में उनके पैर में चोट लग गई, जिसकी वजह से वो कई महीनों तक बिस्तर से उठ नहीं पाए थे. इस सबके बावजूद उन्होंने पढ़ाई पर ध्यान लगाए रखा और IIT की तैयारी के लिए एक वर्ष की छुट्टी भी ले ली. अपनी इस मेहनत में वो कामयाब भी हुए और IIT मंडी में उन्हें दाखिला भी मिल गया. 

First Updated : Monday, 02 September 2024