Paris Olympics: विनेश फोगाट को मिलेगा मैडल! कोर्ट ने मंजूर की अपील, कल होगा ऐलान
Paris Olympics: भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट के डिसक्वालीफाई होने के बाद भारत को बड़ा झटका लगा था. इस बीच विनेश फोगट ने बुधवार को कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में फाइनल में खुद को अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ अपील की थी, जो अब मंजूर हो गई है. इसके बाद से अब लोगों के बीच कयास लगाए जा रहे हैं कि विनेश फोगाट को अब मेडल मिल भी सकता है.
Paris Olympics: पेरिस ओलंपिक में बीते दिन बुधवार को भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट के डिसक्वालीफाई होने के बाद भारत को बड़ा झटका लगा था. इस बीच विनेश फोगट ने बुधवार को कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में 50 किग्रा वर्ग के ओलंपिक फाइनल से खुद को अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ अपील की थी, जो अब मंजूर हो गई है. इसके बाद से अब लोगों के बीच कयास लगाए जा रहे हैं कि विनेश फोगाट को अब मेडल मिल भी सकता है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, विनेश फोगाट ने कोर्ट के सामने अपने दो मुद्दों को रखा था. जिसमें से एक मामले पर कोर्ट ने अपने फैसला सुना दिया है. वहीं दूसरे पर कल सुबह फैसला सुनाया जाएगा. ऐसे में अगर दूसरा फैसला भी उनके पक्ष में ही आ जाता है तो उन्हें मेडल मिल सकता है.
विनेश फोगाट ने कोर्ट से क्या की थी अपील?
विनेश ने कोर्ट से अपनी पहली अपील थी कि उनका वजन मेल लिखने के समय नापा जाए क्योंकि फाइनल शुरू होने में अभी भी 4 घंटे बाकी हैं. दूसरी अपील यह थी कि सेमीफाइनल तक उनका वजन ज्यादा नहीं था और उन्होंने वहां तक जीत हासिल की है तो उन्हें कम से कम सिल्वर मेडल दिया जाना चाहिए. इस पर कोर्ट ने कहा है कि मैच तय हो चुके हैं इसलिए पहले मामले में तो कुछ नहीं हो सकता. दूसरे मुद्दे पर 24 घंटे में जवाब दिया जाएगा. यानी कल सुबह 11 बजे से पहले इस पर फैसला आ सकता है.
क्या है CAS?
CAS की स्थापना 1984 में की गई थी, और इसका उद्देश्य खेल से संबंधित विवादों को निपटाना है. इसका मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड में लॉज़ेन में है, और इसके अन्य अदालतें न्यूयॉर्क, सिडनी, और लॉज़ेन में हैं. वहीं CAS मौजूदा अध्यक्ष जॉन कोट्स हैं, जिन्हें 2011 में नियुक्त किया गया था. CAS में ओलंपिक खेलों से संबंधित विवादों के लिए विशेष प्रावधान होते हैं, और इसके एक्स्पर्ट्स जजों का एक एंटी-डोपिंग डिवीजन भी होता है. CAS के पास केवल तभी विवाद आता है जब दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हों कि विवाद को CAS में निपटाया जाएगा. बता दें कि ओलंपिक खेलों के दौरान सभी विवाद केवल CAS के पास ही निपटाए जा सकते हैं.
इस खिलाड़ी से होना था फाइनल मुकाबला
विनेश फोगाट का फाइनल मुकाबला अमेरिकी रेसलर एन सारा हिल्डेब्रांट से होना था. इससे पहले उन्होंने मंगलवार को 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल इवेंट के सेमीफाइनल में सफलता हासिल की थी. उन्होंने क्यूबा की रेसलर युसनेइलिस गुजमैन को 5-0 से करारी मात दी थी. इस जीत के साथ ही पूरी संभावना थी कि विनेश भारत को पेरिस ओलंपिक में पहला गोल्ड मेडल दिला सकती हैं. इससे पहले विनेश ने प्री क्वार्टरफाइनल में ओलंपिक चैम्पियन और चार बार की वर्ल्ड चैम्पियन युई सुसाकी को हराया था.
दरअसल, सेमीफाइनल में जीत के बाद यानी मंगलवार रात को विनेश फोगाट का वजह 52 किलोग्राम था. इसके बाद उन्होंने साइक्लिंग, स्किपिंग के जरिए अपना वेट कम करने की कोशिश की. लेकिन वे कामयाब नहीं हो सकीं. फाइनल से ठीक पहले उनका वजन 100 ग्राम ज्यादा पाया गया.
देश का कई बार बढ़ाया मान
इससे पहले विनेश ने कई बार देश का मान बढ़ाने का काम किया है. विश्व चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल, राष्ट्रमंडल खेलों, एशियाई खेलों और एशियाई चैंम्पियनशिप की गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं. 2016 में रियो ओलंपिक के जरिए विनेश ने 48 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कैटेगरी में डेब्यू किया था. हालांकि, चोट की वजह से विनेश को क्वार्टर फाइनल मुकाबले से हटना पड़ा. इसके बाद टोक्यो ओलंपिक 2020 में महिलाओं के 53 किग्रा क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था.