Paris Paralympics: कौन हैं योगेश कथूनिया जिसने जीता सिल्वर मेडल, भारत के खाते में आया 8वां पदक

Paris Paralympics: पेरिस पैरालंपिक गेम्स 2024 में भारतीय खिलाड़ियों का दमदार प्रदर्शन जारी है. शूटिंग और बैडमिंटन के बाद एथलेटिक्स में भी मेडल आ रहे हैं और इसी क्रम में भारत के योगेश कथूनिया ने पुरुषों के डिस्कस थ्रो एफ-56 कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीत लिया. इसके साथ ही भारत की झोली में पेरिस पैरालंपिक का 8वां मेडल आ गया है. इतना ही नहीं, योगेश ने लगातार दूसरे पैरालंपिक गेम्स में सिल्वर मेडल अपने नाम किया है. उन्होंने इससे पहले टोक्यो गेम्स में भी यही मेडल जीता था.

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Paris Paralympics: भारत के योगेश कथुनिया ने पेरिस पैरालंपिक खेलों में इतिहास रच दिया, जब उन्होंने सोमवार, 2 सितंबर को स्टेड डी फ्रांस - सीट डीटी,क्लब में पैरा डिस्कस थ्रो एफ 56 स्पर्धा में रजत पदक जीता. कथुनिया 42.22 मीटर की दूरी हासिल करके दूसरे स्थान पर रहे, जबकि ब्राजील के क्लॉडनी बतिस्ता डॉस सैंटोस ने 46.86 मीटर की दूरी के साथ पैरालंपिक रिकॉर्ड तोड़कर स्वर्ण पदक जीता.

 यह भारतीय पैरा एथलीट के लिए दूसरा लगातार रजत था, जो टोक्यो पैरालिंपिक में भी दूसरे स्थान पर रहा था और पेरिस में अपने सीज़न के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ यही उपलब्धि हासिल की थी. बहादुरगढ़ में जन्मे एथलीट के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है, जो भारतीय सेना के सैनिक ज्ञानचंद कथुनिया और उनकी पत्नी मीना देवी के बेटे हैं.

इस बिमारी के शिकार हैं योगेश

नौ साल की छोटी सी उम्र में ही योगेश को न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) हो गया, इस स्थिति के कारण मांसपेशियों में कमजोरी आती है और पैरों या हाथों में संवेदना खत्म हो जाती है. हालांकि, योगेश ने जीवन की कठिनाइयों से हार नहीं मानी और 12 साल की उम्र में अपनी मां की मदद से फिर से चलने के लिए मांसपेशियों की ताकत हासिल की, जिन्होंने अपने बीमार बेटे की मदद के लिए फिजियोथेरेपी सीखी. 2016 में किरोड़ीमल कॉलेज में छात्र संघ के महासचिव सचिन यादव ने उन्हें पैरा स्पोर्ट्स में शामिल होने के लिए प्रेरित किया.

योगेश को 2021 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया

इसके बाद पैरा एथलीट ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और बर्लिन में 2018 विश्व पैरा एथलेटिक्स यूरोपीय चैंपियनशिप में 45.18 मीटर की दूरी हासिल करके विश्व रिकॉर्ड बनाया. इसके बाद उन्होंने दुबई में विश्व पैरा एथलेटिक चैंपियनशिप 2019 में कांस्य पदक जीता. हालांकि, उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि 2020 टोक्यो पैरालिंपिक के दौरान आई, जहां उन्होंने रजत पदक जीता.

राम नाथ कोविंद द्वारा अर्जुन पुरस्कार मिला

उनकी उपलब्धि के लिए उन्हें नवंबर 2021 में भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था. पैरालंपिक खेलों में दो रजत के अलावा, योगेश के पास साल 2023 और 2024 में जीते गए विश्व चैंपियनशिप के दो रजत पदक भी हैं.

First Updated : Monday, 02 September 2024