BCCI 'नमन अवॉर्ड्स' में बुमराह और सचिन तेंदुलकर समेत ये खिलाड़ी हुए सम्मानित
सचिन ने अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए बताया कि 1989 में जब वह भारतीय टीम में शामिल हुए, तो वह अक्सर टीम बस पकड़ने में देर कर देते थे. उस दौरान कपिल देव ने उनसे पूछा था कि क्या यह सही समय है या वह लेट हो गए हैं.

BCCI Naman Award: मुंबई में आयोजित BCCI के 'नमन अवॉर्ड्स' समारोह में क्रिकेट की दुनिया के कई सितारों को सम्मानित किया गया. इस मौके पर जसप्रीत बुमराह और स्मृति मंधाना को सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर ऑफ द ईयर के अवॉर्ड से नवाजा गया. वहीं, सरफराज खान को बेस्ट मेंस डेब्यू और आशा शोभना को बेस्ट वुमेंस डेब्यू का अवॉर्ड मिला. वुमेंस क्रिकेट में स्मृति मंधाना को बेस्ट बैटर और दीप्ति शर्मा को बेस्ट बॉलर के खिताब से नवाजा गया. शशांक सिंह को बेस्ट व्हाइट बॉल ऑलराउंडर और तनुष कोटियान को बेस्ट रेड बॉल ऑलराउंडर के रूप में सम्मानित किया गया.
इस समारोह में महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को कर्नल सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. इसके अलावा रविचंद्रन अश्विन को भी स्पेशल अवॉर्ड से नवाजा गया. सचिन तेंदुलकर ने पुरस्कार मिलने के बाद कहा कि वह बीसीसीआई का दिल से आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने हमेशा उनका समर्थन किया. इस अवसर पर उन्होंने हंसी-खुशी के अंदाज में कहा कि अश्विन उन्हें 'मिस्टर तेंदुलकर' कहकर संबोधित करते हैं, जिससे उन्हें अपनी उम्र का एहसास होता है.
1989 में सचिन हुए थे शामिल
सचिन ने अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए बताया कि 1989 में जब वह भारतीय टीम में शामिल हुए, तो वह अक्सर टीम बस पकड़ने में देर कर देते थे. उस दौरान कपिल देव ने उनसे पूछा था कि क्या यह सही समय है या वह लेट हो गए हैं. सचिन ने कहा कि तब से उन्होंने अपनी घड़ी हमेशा 7-8 मिनट आगे रखनी शुरू की. उन्होंने 1998 के ऑस्ट्रेलिया दौरे को भी याद किया, जब मीडिया ने इसे 'तेंदुलकर बनाम वॉर्न' करार दिया था, लेकिन सचिन ने कहा कि यह 'इंडिया बनाम ऑस्ट्रेलिया' था, और ऐसी प्रतिद्वंद्विता ने खेल को और बेहतर बनाया.
सचिन ने 1999 की घटना को किया याद
सचिन ने 1999 वर्ल्ड कप के दौरान पिता के निधन की घटना को याद करते हुए कहा कि उनके पिता के निधन के बाद उन्होंने बैट सेलेब्रेशन शुरू किया, ताकि हर अच्छे क्षण में उनके पिता का योगदान महसूस हो. इसके अलावा, उन्होंने बताया कि उन्होंने 90 के दशक में शराब और तंबाकू ब्रांड्स को प्रमोट करने से इनकार कर दिया था क्योंकि उनके परिवार ने तय किया था कि वे अपने मूल्यों से समझौता नहीं करेंगे.
करेंट इंडियन प्लेयर
सचिन ने अपनी रिटायरमेंट को भी याद किया और कहा कि आखिरी दिन जब उन्होंने टीम से विदाई ली, तो उन्हें एहसास हुआ कि अब वह कभी 'करंट इंडियन प्लेयर' नहीं रहेंगे. उन्होंने कहा कि वह खुद को बहुत भाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला.