हिंदी पर बयान देकर विवादों में घिरे रविचंद्रन अश्विन, जानें ऐसा क्या बोल गए पूर्व भारतीय स्पिनर

अश्विन के बयान को लेकर सोशल मीडिया दो धड़ों में बंट गया है. जहां तमिल पसंद करने वाले लोग अश्विन की तारीफ कर रहे हैं तो वहीं हिंदी भाषी लोग उनको निशाने पर ले रहे हैं. वहीं कुछ लोग अश्विन को नसीहत भी दे रहे हैं

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

क्रिकेट की पिच हो या यूट्यूब चैनल, पूर्व भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन खुलकर ‘खेलते’ हैं. क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भी वह लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं, फिर चाहे वह बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी हो या कोई अन्य मुद्दा. हालांकि इस बार अपने एक बयान के कारण विवादों में घिर गए हैं. उन्होंने हिंदी को लेकर ऐसी बात कह दी है जिसपर बवाल मच सकता है. 

भारतीय टीम के पूर्व अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने एक निजी कॉलेज के कार्यक्रम में हिंदी भाषा को लेकर बड़ा बयान दिया है. अश्विन ने कहा कि हिंदी भारत की राष्ट्र भाषा नहीं है. अश्विन ने छात्रों से पूछा कि अगर कोई अंग्रेजी या तमिल नहीं बोलना जानता है तो क्या कोई हिंदी में प्रश्न पूछने में रुचि रखता है. आपको बता दें कि 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है.

अश्विन ने इस दौरान भारत में भाषा का मामला उठाया. उन्होंने देखा कि हिंदी शब्द बोलने के बाद लोगों की कैसी प्रतिक्रिया थी. अश्विन ने अपने संबोधन के दौरान कहा, 'मुझे लगता है कि मुझे यह कहना चाहिए कि हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा नहीं है, यह आधिकारिक भाषा है.' मालूम हो कि हिंदी और तमिल भाषा को लेकर हमेशा चर्चा होती है और तमिलनाडु में यह एक संवेदनशील मुद्दा रहा है.

अश्विन ने दिया विवादित बयान

अश्विन ने सबसे पहले कहा कि जो अंग्रेजी में सुनना चाहते हैं वह ‘ये’ (चीयर) करें. इस दौरान छात्रों में शांति रही. कुछ देर बाद उन्होंने यही सवाल तमिल के लिए किया. इसके बाद छात्र चीयर करने लगे. आखिर में अश्विन ने हिंदी के लिए पूछा तो कुछ आवाजें आईं. अश्विन ने फिर से पूछा. जब ज्यादा छात्रों की आवाज नहीं आई तो उन्होंने बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा, ‘हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा नहीं है. हिंदी आधिकारिक भाषा है.’ इसके बाद फिर से चीयरिंग की आवाजें आने लगी. अश्विन का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ.

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

अश्विन के बयान को लेकर सोशल मीडिया दो धड़ों में बंट गया है. जहां तमिल पसंद करने वाले लोग अश्विन की तारीफ कर रहे हैं तो वहीं हिंदी भाषी लोग उनको निशाने पर ले रहे हैं. वहीं कुछ लोग अश्विन को नसीहत भी दे रहे हैं कि उन्हें भाषा को लेकर इस तरह की चीज नहीं करनी चाहिए थी क्योंकि हिंदी काफी अधिक इस्तेमाल होने वाली भाषा है. 

 

कुछ लोगों का मानना है कि अश्विन ने केवल तथ्य प्रस्तुत किए हैं, जबकि अन्य इसे गैर-जरूरी विवाद कह रहे हैं. क्या अश्विन का बयान वाकई विवाद खड़ा करेगा, या यह केवल सोशल मीडिया तक ही सीमित रहेगा? यह देखना दिलचस्प होगा. लेकिन एक बार फिर, अश्विन अपने शब्दों की वजह से सुर्खियों में हैं.

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10 January 2025, 11:35 AM IST

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