सुनील गावस्कर का गुस्सा: क्यों नहीं बुलाए गए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पुरस्कार समारोह में?
भारत के दिग्गज क्रिकेटर सुनील गावस्कर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल ही में हुई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पुरस्कार वितरण समारोह में शामिल नहीं होने से नाराज हैं। इस ट्रॉफी का नाम उनके और एलन बॉर्डर के नाम पर रखा गया है, लेकिन उन्हें ट्रॉफी देने के लिए क्यों नहीं बुलाया गया? गावस्कर ने इस पर खुलकर अपनी नाराजगी जताई और इस फैसले के पीछे का कारण जानने की कोशिश की। क्या यह भारतीय होने की वजह से था? जानें पूरी खबर में!
Border Gavaskar Trophy: भारत के महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर हाल ही में इस बात से खफा थे कि उन्हें बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पुरस्कार वितरण समारोह में शामिल नहीं किया गया। इस ट्रॉफी का नाम उन्हीं और ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज बल्लेबाज एलन बॉर्डर के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच लंबे समय तक क्रिकेट को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया।
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का नाम क्यों रखा गया है इन दिग्गजों के नाम?
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट क्रिकेट की यह सीरीज बेहद प्रतिष्ठित है, और इसका नाम ही दोनों देशों के बीच के ऐतिहासिक मुकाबलों को लेकर गहरी कड़ी को दर्शाता है। सुनील गावस्कर और एलन बॉर्डर दोनों ही क्रिकेट जगत के असाधारण सितारे हैं, जिन्होंने अपने-अपने देशों के लिए कई यादगार प्रदर्शन किए हैं।
ट्रॉफी वितरण समारोह में शामिल नहीं होने का कारण
हाल ही में, जब ऑस्ट्रेलिया ने भारत के खिलाफ अपनी जीत दर्ज की और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की प्रस्तुति समारोह हुआ, तो गावस्कर और बॉर्डर दोनों को मंच पर नहीं देखा गया। यह स्थिति सुनील गावस्कर के लिए निराशाजनक रही। उन्होंने इस बारे में अपनी भावनाओं को साझा करते हुए कहा कि उन्हें इस समारोह में न बुलाए जाने का कारण शायद उनका भारतीय होना था।
"अगर भारत जीतता तो शायद मुझे बुलाया जाता"
गावस्कर ने कहा, "मुझे हमेशा यह लग रहा था कि अगर भारत जीतता या सीरीज ड्रॉ होती तो मुझे और बॉर्डर को ट्रॉफी देने के लिए बुलाया जाता। लेकिन जब ऑस्ट्रेलिया ने सीरीज जीत ली, तो मुझे बताया गया कि अब मुझे समारोह में शामिल होने की जरूरत नहीं है।"
यहां तक कि गावस्कर ने यह भी खुलासा किया कि आयोजकों ने उन्हें पहले ही सूचित कर दिया था कि अगर ऑस्ट्रेलिया सीरीज जीतता है, तो उन्हें ट्रॉफी देने के लिए नहीं बुलाया जाएगा।
गावस्कर की नाराजगी की वजह: क्या यह भारतीय होने के कारण है?
गावस्कर ने खुलकर कहा कि यह पूरी स्थिति उन्हें हैरान करने वाली लगी। उन्होंने कहा, "अगर सीरीज का नाम बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी रखा गया है, तो हमें वहां होना चाहिए था, क्योंकि यह सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि दोनों देशों के बीच की ऐतिहासिक लड़ाई का प्रतीक है।" उन्होंने आगे कहा, "जब प्रेजेंटेशन की बात आती है तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन जीता। ऑस्ट्रेलिया ने बेहतरीन क्रिकेट खेला और उन्हें इसका श्रेय मिलना चाहिए, लेकिन मुझे अपने अच्छे दोस्त एलन बॉर्डर के साथ ट्रॉफी देने का मौका मिलना चाहिए था।"
आखिरकार, गावस्कर का यह बयान दर्शाता है कि क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि एक भावनाओं से जुड़ा हुआ मुद्दा भी है। जब तक क्रिकेट का यह इतिहास और सम्मान दोनों देशों के दिग्गज खिलाड़ियों के साथ जुड़े रहेंगे, तब तक हर खिलाड़ी को अपना सम्मान मिलना चाहिए।