जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी भारतीय क्रिकेट टीम के दो ऐसे तेज गेंदबाज हैं, जिनके प्रदर्शन पर टीम की सफलता निर्भर करती है. लेकिन चोट की वजह से ये दोनों तेज गेंदबाज टीम मैनेजमेंट के लिए चिंता का कारण बन गए हैं. हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ BGT ट्रॉफी में बुमराह की चोट ने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. वहीं, शमी भी पूरी तरह फिट नहीं हो पाए हैं. ऐसे में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में दोनों गेदबाजों की मौजूदगी पर संशय गहरा गया है.
शमी को लेकर जल्दबाजी से बचने की सलाह
मोहम्मद शमी ने 2024 में रणजी ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के दौरान घरेलू क्रिकेट में वापसी की, लेकिन उनके घुटने की समस्या ने उन्हें फिर से बाहर कर दिया. यही वजह थी कि उन्हें बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए ऑस्ट्रेलिया नहीं भेजा गया और वह विजय हजारे ट्रॉफी के शुरुआती मैचों में भी नहीं खेल पाए. जब शमी ने बंगाल के लिए विजय हजारे ट्रॉफी में वापसी की, तो उनका प्रदर्शन औसत दर्जे का रहा, जिसमें 1/28 और 1/40 के आंकड़े दर्ज किए गए.
मोहम्मद शमी को लेकर खबरें थीं कि वह इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज और चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए दावेदारी पेश कर सकते हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें तब तक मैदान पर नहीं लौटना चाहिए जब तक वह पूरी तरह फिट न हो जाएं. जल्दबाजी में उनकी वापसी से चोट की समस्या और बढ़ सकती है, जिससे उनका करियर प्रभावित हो सकता है.
बुमराह-शमी की चोटों से डगमगाएगा भारत का सपना?
अगर जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी दोनों ही चैंपियंस ट्रॉफी से बाहर हो जाते हैं, तो यह भारतीय टीम के लिए बड़ा झटका होगा. हालांकि, बीसीसीआई को इन दोनों खिलाड़ियों को वापस लाने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. पूरी तरह से फिट होने से पहले उन्हें खेलने के लिए मजबूर करना टीम के लिए नुकसानदेह हो सकता है. First Updated : Monday, 06 January 2025