विनेश स्वर्ण से एक कदम दूर, नीरज पहुंचे फाइनल में, पुरुष हॉकी के सेमीफाइनल में हारी टीम इंडिया
Paris Olympics Day-11: विनेश फोगाट ने इतिहास रच दिया है. इस साल के ओलंपिक कि वो पहली महिला हैं जो फाइनल में पहुंची हैं, भारत के सभी लोगों को विनेश फोगाट से स्वर्ण पदक जीतने की उम्मीद है. वहीं दूसरी ओर नीरज चोपड़ा ने पहले ही मैच में ऐसा खेला की सीधा वो फाइनल में पहुंच गए. उनका फाइनल में 4 खिलाड़ियो के साथ मैच होगा.
Paris Olympics Day-11: भारत के लिए पेरिस ओलंपिक में 11वां दिन मिले-जुले नतीजे लेकर आया. टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण जीतकर इतिहास रचने वाले नीरज चोपड़ा ने फैंस को निराश नहीं किया, वहीं कुश्ती के मैट पर विनेश फोगाट के असाधारण प्रदर्शन ने पेरिस ओलंपिक में भारत की एक और स्वर्ण की उम्मीदों को जगा दिया, आइए देखते हैं भारत के लिए 11वां दिन कैसा रहा...
विनेश फोगाट ने रचा इतिहास
विनेश फोगाट ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली महिला पहलवान बन गई हैं. उन्होंने कुश्ती में महिलाओं की 50 किलोग्राम भारवर्ग के सेमीफाइनल में क्यूबा की लोपेज गुजमान को 5-0 से हरा दिया. पहले राउंड तक विनेश 1-0 से आगे थीं. फिर आखिरी तीन मिनट में उन्होंने क्यूबा की पहलवान पर डबल लेग अटैक किया और चार पॉइंट अर्जित किए. इस बढ़त को वह अंत तक बनाए रखी और फाइनल में जगह बनाई. विनेश का इस ओलंपिक में सफर शानदार रहा है.
नीरज चोपड़ा भालाफेंक के फाइनल में
नीरज ने मंगलवार को अपने पहले ही प्रयास में 89.34 मीटर के थ्रो के साथ पुरुष भाला फेंक स्पर्धा के फाइनल में प्रवेश किया, जबकि महिला पहलवान विनेश (50 किग्रा) ने पहले दौर में अब तक अपराजेय मौजूदा चैंपियन युई सुसाकी को हराकर बड़ा उलटफेर करने के बाद सेमीफाइनल में जगह बनाकर पदक की ओर मजबूत कदम बढ़ाए. टेबल टेनिस पुरूष वर्ग में भारत को हालांकि निराशा हाथ लगी. नीरज के साथी भाला फेंक खिलाड़ी किशोर जेना हालांकि फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहे.
हॉकी में भारतीय टीम सेमीफाइनल में हारी
जर्मनी ने सेमीफाइनल मुकाबले में भारतीय पुरुष हॉकी टीम को हराकर पेरिस ओलंपिक के फाइनल में जगह बना ली है. जर्मनी ने इस मैच में भारत को 3-2 के अंतर से हराया और स्वर्ण पदक मुकाबले में जगह बना ली. जर्मनी का फाइनल में सामना नीदरलैंड से होगा जिसने एक अन्य सेमीफाइनल में स्पेन को हराया था। भारतीय टीम भले ही स्वर्ण पदक मुकाबले के लिए क्वालिफाई नहीं कर सकी, लेकिन हरमनप्रीत सिंह की अगुआई वाली टीम के पास कांस्य पदक जीतने का मौका रहेगा. अब देखना होगा कि कास्य पदक के लिए हॉकी टीम का प्रदर्शन कैसा रहेगा.