Suryakumar Yadav Childhood Coach: भारतीय क्रिकेट टीम के शानदार बल्लेबाज सूर्य कुमार यादव अपने क्रिकेट करियर में तेजी से नाम कमा रहे हैं. इस बीच उन्हें भारत की तरफ से टी20 फॉर्मैट के लिए कप्तान की जिम्मेदारी मिली है. ऐसे में जहां एक तरफ सूर्यकुमार यादव अपने जीवन में तेजी से शिखर पर पहुंच रहे हैं तो दूसरी और उन्हें इस मुकाम पर ले जाने वाले उनके बचपन के कोच अशोक असवाल्कर पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अशोक असवाल्कर की नौकरी छूट जाने से वह परेशानी में आ गए. दरअसल कुछ समय पहले तक अशोक हर महीने 41 हजार रुपये की सैलरी उठा रहे थे, लेकिन 24 साल बाद अब अपनी नौकरी गंवाने के बाद उन्हें 10, हजार रुपए महीने की सैलरी पर गुजारा करना पड़ रहा हैं. इस बीच अशोक ने बताया कि उन्होंने अपनी नौकरी छूट जाने के संबंध में अपने शिष्य सूर्यकुमार यादव को एक मैसेज किया है.
सूर्य कुमार यादव के बचपन के कोच अशोक असवाल्कर, चेम्बुर के अनुशक्ति नगर में दो दशक से जॉब पर थे. वह यहां क्यूरेटर और कोच के तौर पर काम कर रहे थे और उन्हें यहां 41,000 रुपए सैलेरी मिल रही थी. इस दौरान उन्होंने मीडिया को बताया कि मैं भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर के ग्राउंड पर 1989-90 से काम कर रहा था और साथ ही जगन्नाथ फांसे को ग्राउंडमैन और कोच के तौर पर असिस्ट कर रहा था. मैंने 3 हजार, हर महीने की सैलरी पर काम शुरू किया था, लेकिन जब मुझे दिसंबर 2023 में नौकरी से निकाला गया तो मुझे 26 हजार हर महीने ग्राउंड्समैन के तौर पर मिल रहे थे और 15,000 कोच के तौर पर मिल रहे थे.
इस बीच नौकरी छूटने के बाद असवाल्कर ने चेम्बुर में एक कोच की नौकरी शुरू की है, जहां उन्हें हर महीने 10 हजार रुपये सैलरी मिलती है. ऐसे में इस मुश्किल भरे समय में उन्होंने अपने शिष्य सूर्यकुमार यादव को मैसेज किया. इस मैसेज में उन्होंने सूर्या को नौकरी खोने के बारे में बताया और यह भी खुलासा किया कि उन्हें किस व्यक्ति के कारण नौकरी से निकाला गया था और किस तरह से अपमानित किया गया था. ये सब जानने के बाद सूर्यकुमार यादव ने उस व्यक्ति से बात करना बंद कर दिया है.
इस दौरान स्वायत्त राज्य चिकित्सा महाविद्यालय (ASMC) के प्रधान रमाकांत साहू का कहना है कि अशोक असवाल्कर की नौकरी एक गलतफहमी की वजह से गई है. उन्होंने बताया कि अशोक पिछले सीजन तक हमारे साथ काम कर रहे थे, लेकिन तभी कुछ हुआ. कुछ गलतफहमी हुई, हम उनके साथ काम जारी रखना चाहते थे, लेकिन वो किसी वजह से परेशान थे. वो अचानक एक टूर्नामेंट को बीच में छोड़कर चले गए थे.
अशोक का कहना था कि वे किसी काम के सिलसिले में अपने निवास स्थान जा रहे हैं, लेकिन 3-4 सप्ताह बीतने के बाद उन्होंने फोन उठाना बंद कर दिया था. हम उन्हें दोबारा कोच के तौर पर अपने साथ जोड़ने को तैयार हैं और वे अक्टूबर में शुरू हो रहे नए सीजन से दोबारा जॉइन कर सकते हैं.